स्व. मोहम्मद रफी के सौवें जन्मदिन का संगीतमय कार्यक्रम हुआ फ्लाप
महान गायक स्वर्गीय मोहम्मद रफी के सौवें जन्मदिन का संगीतमय कार्यक्रम हुआ फ्लाप। कार्यक्रम को भव्यता तो दी गई पर रफी साहब के उच्च कोटि के गीतों को नजरअंदाज किया गया। रफी साहब के सुपुत्र शाहिद रफ़ी जी ने आधे घंटे से ज्यादा परफॉर्म नहीं किया वह पहले ही कहीं कार्यक्रम से लौटे थे इसलिए थके थके नजर आए। आर के क्रिएशन के संचालक आर के शर्मा ने रही सही कसर पूरी कर दी उन्होंने स्टेज पर अतिथियों के स्वागत एवं वार्तालाप में बहुत समय बर्बाद कर दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि सेकंड हाफ में जनता बोर होकर जाने लगी। रविंद्र भवन हंस ध्वनि का बड़ा हाल खाली-खाली नजर आया। बालकनी तो शुरु से ही खाली थी। हाल के बाहर जो चित्रों की प्रदर्शनी, डाक प्रदर्शनी, एवं अद्भुत माचिस प्रदर्शनी, भास्कर रेड्डी का म्यूजिशियन, बहुत अच्छा था। इस कार्यक्रम में निरंतरता का न होना फ्लाप होने की सबसे बड़ी वजह रही सेकंड हाफ में हर गाने के बाद ब्रेक लिया गया, उद्घोषक भी बार-बार डाईज से ग़ायब रहे। सौ बार जन्म लेंगे कार्यक्रम का नाम रखा गया था जनता बड़ी उम्मीद से आई थी। जो सबसे अच्छी बात रही वो ये कि रफी साहब के चित्रों का अच्छा प्रदर्शन रहा। कई कार्यक्रम कर चुके अनुभवी आर के शर्मा इस बार मात खा गए उन्होंने ने अपने स्पांसरों का विशेष ध्यान रखा दर्शकों को नजरअंदाज कर गए। उनके साथ टीम भी काम कर रही थी लेकिन अकेले ही सब करते रहे। जनता सुपर सेटरडे के दिन टेलीविजन के अच्छे और रेगुलर शोज़ को छोड़कर रविंद्र भवन पहुंची थी रफी साहब के चाहने वालों की तादाद बहुत है। यह एक साधारण कार्यक्रम बनकर रह गया जिस हिसाब से भव्यता दिखाई गई थी उस हिसाब से कामयाबी नहीं मिली। दर्शकों में बुजुर्ग लोग भी बडी तादाद में थे जिन्हें निराशा ही हाथ लगी। आजकल संगीत के कार्यक्रम भी व्यापार की भेंट चढ़ गए हैं। संगीत के प्रति समर्पण कम व्यवसायीकरण ज्यादा दिखाई देता है।
आसिफ खान पत्रकार * जय हिंद

