श्राद्ध पक्ष में सहजयोग ध्यान के माध्यम से पितरों की मुक्ति संभव
हिन्दू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। इसलिए हिंदू धर्म में शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए संतान द्वारा विधि विधान से तर्पण करने का नियम है। जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु-उपरांत लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं जिसमें सभी अपने पूर्वजों की सेवा करते हैं और अपने कर्म से उनके प्रति अपनी आस्था दर्शाते हैं।
ऐसी मान्यता है कि आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ब्रह्माण्ड की ऊर्जा तथा उस उर्जा के साथ पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। सहज योग एक ऐसी वैज्ञानिक ध्यान पद्धति है जिसमें सारे विधि विधान ध्यानावस्था में ही कर लिये जाते हैं। जब मानव की सहज योग ध्यान पद्धति से कुंडलिनी जागृत होती है और जब ईश्वर से एकाकारिता प्रस्थापित होती है, तब हाथों से बहता चैतन्य हमारे सारे आध्यात्मिक और आत्मिक कार्य सुचारू रुप से संपन्न करने में हमारी सहायता करते हैं।
ध्यानावस्था के दौरान जब हमारे हृदय चक्र के दाहिनी ओर जहाँ श्री राम और सीता माता का स्थान है, वहाँ हमें भारीपन, दर्द या असंतुलन महसूस होता है तब सहज योगी यह जान लेते हैं कि उनके माता पिता चाहे वो जीवित हो या उन्होंने शरीर छोड़ दिया हो, वे किसी न किसी बेचैनी से ग्रस्त हैं तब सहज योगी दाहिने हृदय पर उनकी स्वस्थता की कामना करते हुये अपनी हथेली से उनपर चैतन्य प्रवाहित करते हैं, श्री माताजी से प्रार्थना करते हैं और मंत्र बोलते हैं।
ऐसे ही, श्राद्धपक्ष में यदि किसी साधक को लगता है कि उनपर पितृदोष है तब सुबह के ध्यान के उपरांत 16 दिनों तक ये प्रार्थना नियमित करते हैं कि,
'हे परमपिता परमेश्वर हमारे समस्त पितृ पूर्वजों को आप सद्गति दीजिये, उन्हें अपने श्रीचरणों मे स्थापित कीजिए ।'
कई बार पितर अपनों बच्चों की चिंता में भी अशांत रहते है इसीलिए पितरों से भी प्रार्थना करते हैं कि 'आप हमारी चिन्ता ना करे हम माँ आदिशक्ति के श्रीचरणों मे पूर्ण रूप से सुखी और संतुष्ट है।'
सहजयोगियों के रोज इस प्रकार की प्रार्थना के उपरांत अन्य किसी भी अन्य श्राद्धकर्म की आवश्यकता नहीं रहती।
इस अनूठी ध्यान पद्धति से जुड़ने हेतु व आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त करने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 से प्राप्त कर सकते हैं। सहज योग पूर्णतया निशुल्क है।

