इंदौर स्थित पितृ पर्वत पर सुबह से ही लगी लंबी कतारें, दुनिया की सबसे बड़ी हनुमान प्रतिमा के दर्शन के लिए लालायित दिखे

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इंदौर। हनुमान जयंती के मौके पर इंदौर स्थित पितृ पर्वत पर सुबह से ही लंबी कतारें लगना शुरू हो गई। दूर दूर से आए लोग दर्शन के लिए लालायित दिखे। इंदौर के पितृ पर्वत पर स्थित हनुमानजी की यह मूर्ति दुनिया की सबसे बड़ी अष्टधातु से बनी हनुमान मूर्ति है। यह 108 टन वजनी प्रतिमा है। 72 फीट उंची मूर्ति दूर से ही नजर आ जाती है। इस मूर्ति का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में किया था। मूर्ति की कीमत दस करोड़ रुपए आई थी। इसमें हनुमानजी की गदा 21 टन वजनी और 45 फुट लंबी है। 
पितृ पर्वत पर सुबह से हनुमान चालिसा और शिव पुराण के पाठ हो रहे हैं। यज्ञ में भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल हो रहे हैं। भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है और माना जा रहा है कि आज के दिन यहां पर दिनभर में एक लाख से अधिक भक्त प्रसादी ग्रहण करेंगे। देर रात तक भक्तों के आने का सिलसिला चलता रहेगा। 
यहां पर हनुमानजी के चारों ओर पांच हाइमास्ट लगे हुए हैं। इससे रात में भी दिन जैसा दूधिया उजाला रहता है। यहां पर लाइट एंड साउंड शो का भी विशेष आयोजन होता है। आज रात में कई तरह के आयोजन होंगे। लाइटिंग के लिए जर्मन से विशेष दो करोड़ रुपए की लेजर लाइट मंगवाई गई थी। पितरेश्वर धाम के व्यवस्थापक बताते हैं कि लेजर लाइट के जरिए हनुमानजी के प्रतिमा के सीने पर सात रंगों में हनुमान चालीसा का चित्रमय वर्णन दिखाई देता है।
यह जगह काफी लोकप्रिय है और सोशल मीडिया के टाप इन्फ्लुएंसर भी हनुमान जयंती पर सुबह से यहां पर पहुंच गए। यहां पर लोग दूर दूर से दर्शन के लिए आते हैं। फोटो, वीडियो बनाने, परिवार के साथ समय बिताने के लिए यहां पर सुंदर गार्डन, खानपान आदि की भी व्यवस्था है। 
साभार अमर उजाला

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