संदेश - साइबर सुरक्षा – डिजिटल युग की अनिवार्यता
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एक्सपर्ट एडवाइस
हाई कोर्ट एडवोकेट नरेंद्र के यादव की कलम से!
आज का युग डिजिटल क्रांति का युग है। इंटरनेट ने जहां हमारे जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाया है, वहीं इसके साथ साइबर अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ा है। ऑनलाइन ठगी, बैंकिंग धोखाधड़ी, सोशल मीडिया हैकिंग, पहचान चोरी (Identity Theft), और अश्लील कंटेंट के माध्यम से ब्लैकमेलिंग जैसे अपराध आम होते जा रहे हैं। ऐसे में साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
कैसे बचें साइबर अपराधों से? (सुरक्षा के उपाय)
मजबूत पासवर्ड रखें: हमेशा अल्फाबेट, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर मिलाकर पासवर्ड बनाएं। उदाहरण: Ra@2025$Safe
अज्ञात लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें: किसी भी अनजान नंबर या ईमेल से आए लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें। यह फ़िशिंग हो सकती है।
पर्सनल जानकारी साझा न करें: बैंक डिटेल, OTP, आधार नंबर जैसी जानकारी किसी भी स्थिति में साझा न करें, चाहे सामने वाला खुद को कोई अधिकारी ही क्यों न बता रहा हो।
सोशल मीडिया पर सतर्कता बरतें: अपनी प्रोफाइल को सुरक्षित रखें और अनजान लोगों से जुड़ने से बचें।
सॉफ्टवेयर और ऐप अपडेट करते रहें: मोबाइल, लैपटॉप में एंटीवायरस इंस्टॉल करें और समय-समय पर सिस्टम अपडेट करते रहें।
डाटा का बैकअप लें: जरूरी फाइल्स का बैकअप अलग से सुरक्षित रखें।
यदि आप साइबर अपराध के शिकार हो जाएं तो क्या करें?
तत्काल सहायता के लिए कॉल करें: 1930 (राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन) यह हेल्पलाइन 24x7 काम करती है।
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें: www.cybercrime.gov.in पर जाकर आवश्यक विवरण भरें।
स्थानीय साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।
साक्ष्य जुटाएं: स्क्रीनशॉट, ट्रांजैक्शन आईडी, कॉल लॉग्स, चैट्स – सभी सबूत सुरक्षित रखें।
"साइबर दुनिया में सुरक्षा, सतर्कता से ही संभव है। जागरूक नागरिक ही एक सुरक्षित डिजिटल समाज की नींव रखते हैं।" आइए, हम सभी मिलकर साइबर अपराध के विरुद्ध जागरूकता फैलाएं और दूसरों को भी सजग करें। यही हमारी साझा जिम्मेदारी है।