पठानकोट में पहाड़ दरके, बाढ़ से अब तक 43 की मौत,
चंडीगढ़। पंजाब में बाढ़ महाविनाश का कारण बन रही है। पानी की वजह से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 23 जिलों के 1902 से अधिक गांव पानी की चपेट में हैं, जिससे 3.84 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। गांवों में बाढ़ग्रस्त लोगों और प्रशासन के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित गांवों में एक-एक गजटेड अफसर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। प्रभावित लोग इन अधिकारियों के साथ अपनी समस्याएं साझा कर सकेंगे।
हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही जोरदार बारिश व बादल फटने की घटनाओं के चलते भाखड़ा डैम के जल स्तर में तेजी से होती वृद्धि को देखते हुए बीबीएमबी मैनेजमेंट से चारों फ्लड गेट 9-9 फीट तक खोल दिए।
मिली जानकारी के अनुसार एक लाख से भी अधिक पानी की आमद के साथ भाखड़ा डैम का जलस्तर 1679 फीट पर पहुंच गया था। इस दौरान ट्रबाइनों व फ्लड गेटों के माध्यम से कुल 85 हजार क्यूसेक पानी की निकासी कर सतलुज दरिया के किनारे बसे निचले ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत मचा दी हालांकि डीसी रूपनगर वर्जित वालिया और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सुबह ही लोगों से अपने अपने घर छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाने को कह दिया था।
भाखड़ा डैम से छोड़े गए 85 हजार क्यूसेक पानी में से नंगल डैम से निकलने वाली नंगल हाइडल व श्री आनंदपुर साहिब हाइडल नहर में 9-9 हजार जबकि सतलुज दरिया में 67 हजार क्यूसेक पानी जा रहा है जिससे हर्षा बेला, पत्ती दुचली, पत्ती टेक सिंह,सैंसोंवाल,एलगरंा, बेला ध्यानी, बेला ध्यानी लोअर, बेला राम गढ़, शिव सिंह बेला, प्लासी, सिंघपुरा, जोहल, तर्फ मजारी, भलाण, कलित्रा, दड़ोली लोअर व दबखेड़ा में खतरा बढ़ गया है।
साभार अमर उजाला