एमपी की मोहन सरकार फिर लेगी 4,000 करोड़ का कर्ज़, राज्य पर कुल कर्ज़ 4.53 लाख करोड़ के पार
रणजीत टाइम्स – विशेष समाचार
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर बाज़ार से 4,000 करोड़ रुपये का नया कर्ज़ लेने की तैयारी में है। इस कर्ज़ की राशि सरकार के अनुसार राज्य में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं पर खर्च की जाएगी।
कर्ज़ का बढ़ता बोझ
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस नए कर्ज़ के बाद मध्य प्रदेश पर कुल कर्ज़ का आंकड़ा ₹4,53,640.27 करोड़ तक पहुँच गया है। 31 मार्च 2025 तक यह कर्ज़ ₹4,21,740.27 करोड़ था। यानी कुछ ही महीनों में सरकार ने ₹31,900 करोड़ से अधिक का कर्ज़ ले लिया है।
सरकार का पक्ष
वित्त विभाग का कहना है कि राज्य में सड़क, बिजली, सिंचाई और स्वास्थ्य जैसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज़ लेना ज़रूरी है। सरकार का दावा है कि जनता को बुनियादी सुविधाएँ और विकास कार्य समय पर पूरा कराने के लिए यह कदम उठाया गया है।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा है कि लगातार बढ़ते कर्ज़ से भविष्य की पीढ़ियों पर बोझ बढ़ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आरोप लगाया कि सरकार कर्ज़ लेकर शोभायात्रा और दिखावे पर खर्च कर रही है, जबकि युवाओं और किसानों के वास्तविक मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा।
कांग्रेस नेता जितु पटवारी ने कहा कि भारी कर्ज़ के बावजूद जनता पर स्टांप ड्यूटी और करों का बोझ बढ़ाया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य का ऋण–जीएसडीपी अनुपात लगभग 31.3% पहुँच गया है। यदि यही स्थिति रही तो आने वाले वर्षों में कर्ज़ का दबाव और ज़्यादा बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
एक तरफ सरकार का दावा है कि कर्ज़ से प्रदेश में विकास कार्यों को गति मिलेगी, वहीं दूसरी ओर विपक्ष और आम जनता को आशंका है कि यह कर्ज़ भविष्य में महंगाई और टैक्स बोझ के रूप में उन पर ही निकलेगा।
✍️ संपादक – गोपाल गावंडे

