हिंदुस्तान पर मुगलों ने आक्रमण किए लेकिन वह सनातन संस्कृति को मिटा नहीं सके- चंपत राय

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चाणक्यपुरी चौराहे पर आयोजित हुई मठ-मंदिरों के पुजारियों की बैठक, बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक भी पहुंचे

श्रीराम तीर्थ क्षेत्र महासचिव का किया विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सम्मान

अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर कभी बन पाएगा इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। लेकिन राम भक्तों के अथक प्रयासों से आज रामलला का मंदिर भव्य स्वरूप ले चुका है।  अब अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्राहलय बनाया जा रहा है इसको बनने में लगभग 2 वर्षों का समय लगेगा। इस संग्राहलय में राम भगवान से जुड़े ग्रंथों को संग्रहित किया जाएगा। इसमें अलग-अलग राज्यों ने अपनी भाषा में लिखी रामचरित मानस को भी भक्त इस संग्राहलय में पढ़ सकेंगे। वहीं इसी के साथ मंदिर से जुड़े सभी साक्ष्यों का डिजिटलाईजेशन का कार्य लगभग 1 साल से चल रहा है। इसमें 25 हजार से अधिक कागज हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी अयोध्या के इतिहास से परिचित हो सके इस उद्देश्य सभी चीजे डिजिटल व सोशल मीडिया पर उपलब्ध हो सकेगी। 70 सालों तक लड़ी गई इस लड़ाई का वर्ष 1755 का रिकार्ड भी इसमें उपलब्ध रहेगा। उक्त विचार श्रीराम तीर्थ क्षेत्र महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने सोमवार को चाणक्यपुरी चौराहा स्थित द्वारका गार्डन में मठ-मंदिरों के पुजारियों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारत पर मुगलों ने कई बार आक्रमण करें, मंदिरों को तोड़ा, लोगों को प्रताडि़त किया लेकिन वह भारत की संस्कृति, संस्कार व सभ्यता को नहीं बदल पाए। ऋषि-मुनियों द्वारा बनाई गई परंपरा आज भी लोग मानते हैं। ऋषि-मुनियों ने जब जैसा काल रहा जाति, समुदाय और पीढ़ी को अपनी परंपरा से बांधने के साथ ही सुरक्षित रखा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम के 3 हजार से अधिक मंदिर हैं। यहां आने वाले भक्तों को राम के आदर्शों पर चलने के संस्कार मिलते हैं। हिंदुस्तान में जितने भी आक्रमण मुंगलों द्वारा किए गए लेकिन वह सनातन संस्कृति को मिटा नहीं पाए। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा तीर्थों में निवास करती हैं। तीर्थों का विकास होगा तो भारत का विकास होगा। पुरातन काल में मठ-मंदिरों व आश्रम में ही शिक्षा, दीक्षा व संस्कार दिए जाते थे। मठ-मंदिर पुरातन काल से ही अपनी संस्कृति को बनाए हुए हैं। मठ एवं मंदिर के माध्यम से मातृ-पितृ वंदन, वृक्ष वंदन, नाग वंदन, देश के वीर पुरुषों का जयंती व पुण्यतिथि मंदिरों के माध्यम से आयोजित की जाए। हिंदु आध्यात्मिक सेवा संस्थान द्वारा द्वारका गार्डन में आयोजित बैठक में मठ-मंदिरों के पुजारियों ने अपने विचार भी रखें। चंपत राय से सभी मठ-मंदिरों के पुजारियों प्रश्न भी पूछे जिसका जवाब राय ने सभी को दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से हिंदू आध्यात्मिक सेवा संघ संस्थान अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, ईश्वरचंद हिंदूजा, राकेश दुबे, खगेंद्र शर्मा, मुकेश जैन, योगेंद्र महंत, संजय अडसपुरकर, माला ठाकुर, विनीता धर्म, सोहन जोशी, भूपेंद्र पोद्दार, निर्भय खंडेलवाल, पप्पू शर्मा, पंकजराज तिवारी सहित विभिन्न मंदिरों के पुजारी एवं महंत लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मंजूषा जौहरी ने किया एवं आभार अनूप शुक्ला ने माना।

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