मुनि श्री महिमा सागर जी महाराज  ससंघ का हुआ नगर में मंगल प्रवेश

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आशीष शर्मा 
सनावद:– नगर का पुण्य कहे या नगर का सौभाग्य जहां निरंतर दिगम्बरत्व का झंडा बुलंद रखने वाले साधु संतो का सौभाग्य सनावद वाशियो को मिल रहा हे।सन्मति काका ने बताया की आज  इसी क्रम में 
आचार्य देशभूषण सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री महिमा सागर जी महाराज (6 पिच्छि) का सिद्धवरकूट की ओर मंगल प्रवेश हुआ।  सभी समाज जनों रेल्वे गेट कोठी रोड पर पहुंच कर मुनि संघ की आगवानी की साथ ही नगर में विराजमान आचार्य विनम्र सागर जी महाराज के संगस्त मुनिराजो ने मुनिसंघ की मोटक्का चौराहे मंगल आगवानी की । तत्पश्चात मुनि संघ के नगर के जिनमंदिरो के दर्शन पश्चात आचार्य श्री विनम्र सागर जी महाराज के पाद प्रक्षालन किए  । अगली कड़ी में संत भवन में सभा की शुरुवात आचार्य विराग सागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई तत्पश्चात आचार्य विनम्र सागर जी महाराज के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य दर्शित रजत कुमार जैन बड़ूद परिवार को प्राप्त हुआ। समाजजनों के द्वारा पुण्यार्जक परिवार का सम्मान कियागया।
अगले क्रम में आचार्य विनम्र सागर जी महाराज ने अपनी देशना से सभी को रसपान करवाते हुवे कहा की सात व्यसन से रहित सात भयो से रहित हे लेकिन न्याय से सहित हे । न्याय नीति का पालन करता हे। अन्याय के काम नहीं करता न्याय के काम करता हे। जब विरक्ति आती हे तो फिर आसक्ति नहीं रह जाती हे। सात भयो से रहित सात व्यसनों से रहित ओर भव भोगों से  विरक्त  हो तब जाकर के सम्यक दर्शन होता हे। इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित थे 
आज की आचार्य श्री के आहार दान का सौभाग्य वीरेन्द्र कुमार जैन मुंशी परिवार को प्राप्त हुआ।
महिमा सागर जी महाराज ससंघ का हुआ मंगल विहार
सनावद– नगर में प्रातः सिद्धवरकूट के ओर से विहार कर। नगर में पधारे  मुनि श्री महिमा सागर जी महाराज ससंघ मंगल विहार बेड़ियां की ओर हुआ।  आप निरंतर इंदौर से मंगल विहार के मांगी तुंगी जी  की ओर निरंतर पद विहाररत है।

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