नगर निगम मेघदूत उपवन को निजी हाथों में देने की कर रहा तैयारी

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इंदौर। शहर की प्राइम लोकेशन पर बने मेघदूत उपवन को नगर निगम संवार नहीं पा रहा है। अब उसे भी पिपल्यापाला पार्क की तरह निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नगर निगम ने डीपीआर भी तैयार कर रहा है। डेढ़ सौ एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैले मेघदूत उपवन प्रदेश का पहला म्यूजिकल फव्वारा भी लगा है, लेकिन अब वह उपयोग में नहीं है।
जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैैयार होने के बाद एजेंसी के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे, जो इसका संचालन कर सके। उपवन का प्रवेश शुल्क भी ज्यादा नहीं रहेगा,लेकिन सुविधाएं ज्यादा रहेगी।
एम्यूजमेंट पार्क भी नहीं ले पाया आकार
इंदौर विकास प्राधिकरण ने पार्क की जमीन का एक हिस्सा मंगल मैरीलैंड को लीज पर दिया था। उस पार्क में झूले, टाॅय ट्रेन व अन्य झूले लगाए गए थे। कुछ सालों बाद पार्क की लीज प्राधिकरण ने निरस्त कर जमीन का कब्जा ले लिया। बाद में प्राधिकरण ने एम्यूजमेंट पार्क बनाने की योजना बनाई, लेकिन वह आकार नहीं ले पाई।
20 साल पहले खर्च हुए थे ढाई करोड़
मेघदूत उपवन का सौंदर्यीकरण 20 साल पहले नगर निगम ने किया था। तब इंदौर के मेयर कैलाश विजयवर्गीय थे। तब ढाई करोड़ खर्च कर म्यूजिकल फव्वारा, गुलाब गार्डन, झील और फुड जोन नगर निगम ने तैयार किए थे।
झील में नाव चलाने की योजना भी थी।तब मेघदूत उपवन को ठेके पर दिया गया था, लेकिन उसका मामला कोर्ट तक पहुंचा था और लोकायुक्त में भी शिकायत हुई थी। इस मामले मेें दो महापौर परिषद सदस्यों और कुछ अफसरों को जेल भी जाना पड़ा था।
साभार अमर उजाला

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