"नंदी महाराज – श्रद्धा, भक्ति और प्रतीकात्मक आस्था"

  • Share on :

सावन सोमवार विशेष लेख:

✍️ लेखक: गोपाल गावंडे, संपादक – रणजीत टाइम्स

सावन का महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन माना जाता है। यह माह भगवान शिव की आराधना, व्रत, उपवास और भक्ति से ओत-प्रोत रहता है। सावन सोमवार को विशेष महत्व प्राप्त है क्योंकि यह दिन स्वयं शिवशंकर को समर्पित होता है। परंतु इस अवसर पर जिस दिव्य प्रतीक को अक्सर भुला दिया जाता है, वह हैं – नंदी महाराज।

???? नंदी कौन हैं?

नंदी केवल एक बैल नहीं, बल्कि शिव जी के प्रमुख गण, वाहन और द्वारपाल हैं। वे शक्ति, धैर्य, निष्ठा और भक्ति के प्रतीक हैं। "नंदी" का अर्थ होता है – आनंद। यह नाम ही दर्शाता है कि वे शिवभक्ति में लीन रहकर परम आनंद की अवस्था में स्थित रहते हैं।

???? मंदिरों में क्यों बैठे मिलते हैं नंदी?

हर शिव मंदिर में नंदी महाराज शिवलिंग के सामने बैठे हुए दिखाई देते हैं। वे शिव से संवाद करने वालों के पहले श्रोता होते हैं। ऐसा विश्वास है कि शिव को अपनी प्रार्थना पहुँचाने के लिए पहले नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामना कहनी चाहिए, क्योंकि वे सच्चे भक्तों का संदेश भोलेनाथ तक पहुँचा देते हैं।

???? नंदी और सावन का संबंध

सावन में जब शिव की पूजा विशेष रूप से होती है, तो नंदी की पूजा भी स्वतः ही पूजनीय बन जाती है। यह महीना न केवल भगवान शिव की कृपा पाने का समय है, बल्कि उनके सबसे वफ़ादार सेवक नंदी महाराज से आशीर्वाद लेने का भी सर्वोत्तम अवसर है।

???? नंदी से क्या सीखें?

धैर्य: नंदी घंटों एक ही मुद्रा में बैठकर शिव की प्रतीक्षा करते हैं।

निष्ठा: वे बिना थके अपने आराध्य के द्वार पर खड़े रहते हैं।

भक्ति: वे केवल सेवा करते हैं, कोई अपेक्षा नहीं रखते।


???? समापन:

सावन सोमवार को शिव की आराधना के साथ नंदी महाराज की पूजा भी अवश्य करें। अपने जीवन में नंदी जैसा समर्पण लाएं और भोलेनाथ की असीम कृपा पाएं।

????️ "नंदी हैं शिव के वाहन नहीं, उनकी भक्ति के भाव हैं।"
जय नंदी! जय भोलेनाथ! ????

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper