...अब फिर सलाखों के पीछे भेजे आजम खां

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रामपुर। 55 दिन खुली हवा में सांस लेने के बाद सपा नेता आजम खां को रामपुर जेल भेज दिया गया। पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम इसी साल 25 फरवरी को हरदोई जेल तो आजम खां 23 सितंबर को सीतापुर जेल से छूटे थे लेकिन दो पैनकार्ड मामले में अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को फिर जेल भेज दिया गया।
सपा नेता आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से दस बार विधायक रहे चुके हैं। वह प्रदेश में चार बार कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा को 2019 में रामपुर संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे और एक बार वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा भी विधायक और राज्यसभा सदस्य रही हैं।
उनके पुत्र अब्दुल्ला वर्ष 2017 में विधायक तो बन गए लेकिन उम्र के विवाद में हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी निरस्त कर दी। अब्दुल्ला 2022 में फिर से स्वार सीट से विधायक बने थे।
दरअसल शैक्षिक प्रमाणपत्रों में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 01 जनवरी 1993 है। इसके हिसाब से वह 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान न्यूनतम आयु की सीमा को पूरा नहीं करते थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 बताकर चुनाव लड़ा।
वर्ष 2017 में जब अब्दुल्ला ने सपा के टिकट पर चुनाव जीता था तो उनके मुकाबले बसपा के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने उनके निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनकी चुनाव याचिका पर अपना फैसला देते हुए अब्दुल्ला की विधायकी को निरस्त कर दिया था।
साभार अमर उजाला 

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