"अब जीना आ गया है..."

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रणजीत टाइम्स | विशेष लेख


 "आदमी मुसाफिर है, आता है जाता है..."
 "आते जाते रस्ते में ये यादें छोड़ जाता है..."
 "मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा..."

यह विचार मैंने नहीं लिखा,
लेकिन मुझे पसंद आया – इसलिए आपको भेज रहा हूँ।

अब तक जितना जी चुका हूँ, उससे कम ही जीवन बचा है।
यह एहसास आते ही जीवन के प्रति नजरिया बदल गया है। अब चीज़ें सरल हो गई हैं, निर्णय स्पष्ट और मन शांत...

यहां वे 24 अनुभव हैं जो जीवन की राह में मैंने सीखे और अपनाए हैं:
1. विदाई पर रोना छोड़ दिया – आज नहीं तो कल मेरी बारी है।
2. मेरे बिना दुनिया नहीं रुकेगी, ना ही किसी को भूखा मरना है।
3. अब मैं पैसे और पावर से डरता नहीं।
4. दूसरों से ज़्यादा खुद को समय देता हूँ।
5. छोटे व्यापारियों से मोलभाव नहीं करता।
6. कबाड़ वाले को खुशी से चीजें दे देता हूँ।
7. सड़क किनारे से बेकार चीज भी खरीद लेता हूँ।
8. बुजुर्गों की बातें दोहराई जाए तो भी मुस्कुराता हूँ।
9. गलत से बहस नहीं, अब मन की शांति ज़्यादा प्यारी है।
10. अच्छे विचारों की खुले दिल से तारीफ करता हूँ।
11. ब्रांड नहीं, विचारों को प्राथमिकता देता हूँ।
12. बुरी आदतों वालों से दूरी बना ली है।
13. दौड़ में नहीं हूँ, इसलिए रास्ता दे देता हूँ।
14. लोग क्या कहेंगे, इसकी चिंता छोड़ दी है।
15. फाइव स्टार से बेहतर प्रकृति की गोद है।
16. अपने ऊपर कम, ज़रूरतमंदों पर ज़्यादा खर्च करता हूँ।
17. गलत को चुप रहकर जवाब देता हूँ।
18. प्रेम, आदर और मानवता ही साथ ले जा सकूंगा।
19. कुछ भी मेरा नहीं – न शरीर, न आत्मा, न नाम।
20. दुख कहने का मन नहीं करता – जो समझेगा, वो बिना कहे समझेगा।
21. अपने सुख-दुख का ज़िम्मेदार अब खुद को मान लिया है।
22. हर पल को जीना सीख गया हूँ।
23. प्रकृति, सेवा और दया में सच्चा आनंद है।
24. अंत में, उन्हीं की गोद में समा जाना है।

देर से ही सही, पर अब समझ आ गया है...
शायद मुझे जीना आ गया है।

 

— अनिल बाजपेयी
फीचर संपादक, रणजीत टाइम्स

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