अब दो माह नहीं सुनाई देगी शहनाई की गूंज

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उज्जैन। आगामी दो माह मांगलिक या वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। क्योंकि शुक्र ग्रह अस्त होने वाले हैं। आगामी मई और जून माह में शहनाई की गूंज नहीं सुनाई देगी। क्योंकि शुक्र तारा अस्त हो जाएगा और इस कारण कोई भी मांगलिक या शुभ अथवा वैवाहिक मुहूर्त नहीं होंगे।
अन्नपूर्णा ज्योतिष केंद्र के पं सतीश नागर के अनुसार जुलाई माह में जरूर वैवाहिक मुहूर्त रहेंगे, लेकिन आगामी दो माह तक मांगलिक मुहूर्त नहीं होने से वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। पं नागर के अनुसार 28 अप्रैल तक होने वाले शादी समारोह के बाद 30 जून तक शुक्र ग्रह अस्त रहेगा।
उनका यह भी कहना है कि विवाह के लिए शुभ दिनों के साथ ही शुभ मुर्हूत देखा जाता है, ताकि विवाह सूत्र में बंधने वालों का दांपत्य जीवन सुखमय बना रहे। चूंकि ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह अस्त होना अच्छा नहीं माना जाता है, इसलिए वैवाहिक काम नहीं होना चाहिए और यह शास्त्र के विपरीत भी है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र के अस्त होना एक ऐसी स्थिति हैं जब शुक्र सूर्य के करीब आ जाता है। ऐसे में वह अपनी शक्ति खो देता है। शुक्र के अस्त होने से कई राशियों के जीवन में मुश्किलें पैदा हो सकती है।
लग्न मुहूर्त की तारीख
अप्रैल 26  एवं 28 तारीख को
जुलाई 9 से 17 तारीख तक
नवंबर 17, 18, एवं 22 से 26 तक
दिसबंर 2 से 5 तक एवं 9, 10, 11, 13, 15 को
सुख, समृद्धि का कारक है शुक्र
पं नागर ने बताया कि ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, कला, प्रतिभा, सौंदर्य, रोमांस आदि का कारक माना जाता है। शुक्र के प्रभाव से ही इंसान को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुख मिलते हैं। इसलिए कुंडली में शुक्र के मजबूत होने से व्यक्ति की समृद्धता बढ़ती है। आपने बताया कि कोई भी ग्रह जब सूरज के पास आता है तो वो अस्त हो जाता है। सूरज का तेज अपने करीब के सभी ग्रहों के प्रभाव को समाप्त कर देता है। शुक्र और सूर्य के बीच 11 डिग्री का अंतर रहने पर शुक्र ग्रह को अस्त माना जाता है। अस्त होने पर ग्रह के शुभ फल में कमी आ जाती है। अगले दो माह तक शुक्र अस्त रहेगा।
साभार अमर उजाला

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