अब केंद्र नहीं यूपी की कमेटी करेगी नए DGP का सेलेक्शन
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में डीजीपी की तैनाती लंबे समय से केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच विवाद का विषय बनती रही है. एक जुलाई 2021 को DoPT की संतुति के बाद 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को डीजीपी बनाया गया था, लेकिन 10 महीने बाद ही 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को उनके शिथिल पर्यवेक्षण के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पद से हटा दिया और डीजीपी से डीजी डिफेंस बना दिया था. इसको लेकर जब संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने यूपी सरकार से इसकी वजह पूछी तो उसने जवाब दिया कि मुकुल गोयल डीजीपी बनने लायक नहीं थे वरिष्ठता के साथ-साथ क्षमता भी होना चाहिए.
मुकुल गोयल को हटाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिन बाद डीजी इंटेलिजेंस रहे डीएस चौहान को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी बनाया था. वह 31 मार्च 2023, रिटायर होने तक उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी बने रहे. इसके बाद डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया जो 31 मई 2023 को रिटायर हो गए. 31 मई 2023 को आरके विश्वकर्मा के रिटायर होने के बाद विजय कुमार को उत्तर प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया. 31 जनवरी 2024 को विजय कुमार रिटायर हुए तो उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया. यानी 11 मई 2022 को मुकुल गोयल के हटने के बाद बीते ढाई सालों से उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी से ही काम चलाया जा रहा था.
साभार आज तक