जांगिड़ ब्राह्मण समाज के 16 राज्यों के पदाधिकारियों ने सामाजिक उत्थान पर किया मंथन, 2000 समाजजन हुए शामिल

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ब्यूरो चीफ अनिल चौधरी
इंदौर । अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार को इंदौर के  रवींद्र नाट्यगृह में आयोजित हुआ। इस अवसर पर
2000 सदस्यों के इस अधिवेशन में जनगणना में जातिगत आधार पर देश में एक समान पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने का पुरजोर समर्थन किया गया। 16 राज्यों के महासभा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने सामाजिक उत्थान पर मंथन किया। सामाजिक संरचना का भाव एक-दूसरे के परस्पर सहयोग और आत्म चिंतन के साथ शुरू होता है। ईश्वर ने हमें मनुष्य योनी में जन्म दिया है तो हमारा कर्तव्य है कि अपने साथ के सभी छोटे-बड़े, आर्थिक एवं कमजोर वर्ग के लोगों को सहयोग कर अपने जीवन को धन्य करें। हम स्वयं अगर तरक्की करते हैं तो कोई बड़ी बात नहीं और अगर सबको साथ लेकर चलते हैं तो वास्तविकता में हमारा जन्म सफल रहेगा।
मप्र अध्यक्ष प्रभुदयाल जांगिड़, प्रदेश प्रभारी रतन लाडबा, महामंत्री अनिल शर्मा ने बताया अधिवेशन में प्रदेश के साथ ही राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना सहित विभिन्न राज्यों के पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय प्रधान रामपाल जांगिड़, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राजस्थान सरकार में मंत्री झाबरसिंह खर्रा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, पीडी शर्मा थे। महापौर ने कहा- शहर के एक प्रमुख चौराहे पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा नगर निगम के माध्यम से स्थापित की जाएगी। कैलाश बरनाला, रविशंकर शर्मा, लादूराम जांगिड़, सावरमल जांगिड़, गोपाल चोयल आदि मौजूद थे। अतिथियों का राजस्थानी साफा, तलवार, मोमेंटो भेंट कर सम्मान किया गया। इन मुद्दों पर हुआ मंथन: राजस्थान और हरियाणा सरकार की तर्ज पर प्रत्येक राज्य में हर जिला स्तर बच्चों के रहने के लिए छात्रावास होस्टल के लिए राशि राज्य सरकार प्रदान करे। देश के प्रत्येक शहर में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित हो। इसके साथ ही अन्य मुद्दों पर भी मंथन किया गया।

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