महाकाल मंदिर के आउटसोर्स कर्मचारियों को होली पर नहीं मिला वेतन

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उज्जैन। उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में सेवाएं दे रहे तकरीबन 1500 कर्मचारियों को इस बार होली पर भी वेतन नहीं मिला। ऐसे हालात उनके साथ रक्षाबंधन, होली, दीवाली और दशहरा जैसे अन्य त्योहारों पर भी बने थे। मंदिर समिति का आउटसोर्स कंपनियों पर अंकुश नहीं होने के कारण ये स्थिति बनी हुई है, जिससे कर्मचारी त्योहारों पर भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
मंदिर में सुरक्षा गार्ड, ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर, सफाई कर्मी सहित कई महत्वपूर्ण सेवाएं आउटसोर्स कर्मचारी प्रदान करते हैं। ये कर्मचारी क्रिस्टल और केएसएस कंपनी के माध्यम से मंदिर में सेवाएं दे रहे हैं। मंदिर समिति के एग्रीमेंट के अनुसार, हर महीने की पांच तारीख तक सभी कर्मचारियों को निर्धारित वेतन का भुगतान हो जाना चाहिए। लेकिन, किसी भी महीने में ऐसा नहीं होता। हर महीने वेतन 15 तारीख के बाद मिलता है, कई बार तो 25 तारीख तक कर्मचारियों के खातों में वेतन पहुंचता है। इस वजह से कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझते हैं और समय पर वेतन न मिलने के कारण उनके त्योहार भी फीके रह जाते हैं। इस साल लगभग हर प्रमुख त्योहार—रक्षाबंधन, दशहरा, दीपावली और अब होली पर भी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला।
मंदिर में आए दिन आउटसोर्स कर्मचारियों पर दर्शनार्थियों से रुपए लेने के आरोप लगते हैं। कुछ कर्मचारी पकड़े भी गए हैं और उन पर कार्रवाई भी हुई है। मंदिर समिति ऐसे में कर्मचारियों से ईमानदारी से काम करने की अपेक्षा तो करती है, लेकिन उन्हें समय पर वेतन दिलाने में रुचि नहीं लेती। ऐसा नहीं है कि आउटसोर्स कंपनियों की मनमानी और कर्मचारियों के आर्थिक शोषण की जानकारी मंदिर समिति के वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं है, लेकिन अधिकारियों का नियंत्रण न होने के कारण यह मनमानी जारी है। कर्मचारी रोजगार से जुड़े रहने के कारण मजबूरी में इस शोषण को सहन कर रहे हैं।
साभार अमर उजाला

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