पंचकोशी यात्रियों के साथ हुआ आश्वासन का धोखा एन वक्त पर प्रशासन ने किया हाथ खड़े

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हाटपीपल्या से संजय प्रेम जोशी की रिपोर्ट
पहले से तई पंचकोशी यात्रा का मार्ग 3 अक्टूबर को पिपरी से रतनपुर बावड़ी खेड़ा होते हुए खारी नदी पार करके जयंती माता पहुंचना था।5 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 115 किलोमीटर में पूर्ण हो जाती। लेकिन पहले से अवगत कराने के बावजूद भी वन विभाग रतनपुर द्वारा खारी नदी पर लकड़ी पुल का निर्माण नहीं किया उल्टा प्रशासन ने सहयोग देने की बजाय अधिक पानी का हवाला देकर श्रद्धालुओं को इस पर रोक दिया और  मजबूरी में वाहन द्वारा यह पंचकोशी यात्रा यात्रा 125 किलोमीटर अतिरिक्त हो गई। मामला 3 अक्टूबर को समय अनुसार सुबह जल्दी लगभग 1000 श्रद्धालु पिपरी स्थित नर्मदा मंदिर पहुंचे यहां से मां नर्मदा का आशीर्वाद लेकर पूजा करते हुए यह जत्था निमन पुर होते हुए रतनपुर पहुंचा रास्ते में कई स्थान पर सभी लोगों की चाय और नाश्ते की व्यवस्था की गई कुछ स्थान पर फल और फलि हारी मिक्चर श्रद्धालुओं निशुल्क वितरित किया गया स्वास्थ्य विभाग के बी एम ओ डॉक्टर हेमंत पटेल ने अपना वादा निभाते हुए रतनपुर में स्वास्थ्य कैंप आयोजित कर सभी श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए उचित दवाई दी। लेकिन जैसे ही यह जथ्था रतनपुर पहुंचा वहां उदय नगर पुलिस जो पहले से तैनात थी। उन्होंने यात्रियों को आगे की यात्रा करने से इसलिए मना कर दिया कि खारी नदी में पुल नहीं बन पाया है। और अधिक पानी होने से उनकी जान को खतरा है। करीब 1 घंटे तक चली मान मुनावर की नौटंकी मैं आखिरकार यात्रियों को निजी वाहन से कांटा फोड़ होते हुए जयंती माता जाने का विकल्प दिया पंचकोशी यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं  ने बताया कि समिति सदस्यों ने खारी नदी पर नाव की व्यवस्था कर दी लेकिन प्रशासन ने एक नहीं सुनी और यात्रा को 125 किलोमीटर अतिरिक्त सफर का बना दिया उदय नगर थाना प्रभारी से इस संबंध में चर्चा की गई उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों का आदेश था। कि पंचकोशी यात्रियों को किसी भी सूरत में नदी में नहीं उतरने दिया जाए। कारण यह की वर्तमान में बारिश का मौसम चल रहा है ।और पानी अधिक होने से दुर्घटना घटने का अंदेशा था। पंचकोशी यात्रियों ने बताया कि उन्होंने 8 दिन पूर्व बागली विधायक मुरली भंवरा और अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ वन विभाग के सभी अधिकारियों को लकड़ी पुल बनाने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की और आखिरकार लकड़ी पुल अभी तक नहीं बन पाया इसके चलते उनकी यात्रा 125 किलोमीटर अतिरिक्त लंबी हो गई यह यात्रा जयंती माता होते हुए अन्य पड़ाव से गुजरते हुए दक्षिण छोर धारा जी पर पहुंच जाएगी वहां से तो नाव द्वारा ही उत्तर छोर पर आना होगा अब देखते हैं 1000 श्रद्धालुओं को प्रशासन धाराजी नदी पार करने की अनुमति देता है या नहीं। समिति अध्यक्ष राम दिन सेवलिया उपाध्यक्ष सालक राम खेलकर भगवान सिंह राजपूत डॉ अनुराधा शर्मा आदि ने बताया कि प्रशासन के सहयोग से उनका मन दुखी है विगत से 36 वर्षों से यह यात्रा जारी है नदी नहीं पार करने की स्थिति दो बार पहले भी बन चुकी है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा जरूरी
पंचकोशी यात्रा को लेकर हमारे प्रतिनिधि को बागली विधायक मुरली भंवरा ने बताया कि इस लकड़ी पुल वाले मामले में सभी अधिकारियों से चर्चा हो चुकी लेकिन खारी नदी में वर्तमान में 10 से 12 फीट पानी होने की वजह से उस पार करना सुरक्षित नहीं है। और शासन तथा प्रशासन का मानना है। की सबसे पहले सुरक्षा जरूरी है। इसलिए यात्रा लंबी हो उसकी दिक्कत नहीं लेकिन सुरक्षित यात्रा रहे यह सभी का ध्येह है । दक्षिणी छोर से उत्तर छोड़ की धाराजी नाव यात्रा के संबंध में वह जिला कलेक्टर से चर्चा करेंगे।

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