ढोल नगाड़ों की धुन के साथ वार्ड वासी और रिश्तेदारों की उपस्थिति में गया यात्रा के लिए लोग रवाना हुए

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र के नटकुर गांव से एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई है, जिसमें ढोल नगाड़ों की धुन के साथ वार्ड वासी और रिश्तेदारों की उपस्थिति में गया यात्रा के लिए लोग रवाना हुए। गया करने का उद्देश्य अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए होता है, जिसमें परिवार के बड़े सदस्य अपने माता-पिता, दादा-दादी को प्रभु के चरणों में स्थान दिलाने के लिए जाते हैं।

गया यात्रा का महत्व:

- गया करने से पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
- यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
- इसमें परिवार के सदस्यों की भागीदारी और सहयोग महत्वपूर्ण होता है।

गया यात्रा के दौरान की गतिविधियाँ:

- अयोध्या और अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन करना।
- गया में पिंडदान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करना।
- लगभग 10 से 15 दिनों की यात्रा के बाद भंडारा आयोजित करना।

माताजी मुन्नी देवी का अनुभव:

- माताजी मुन्नी देवी ने बताया कि गया करने से एक सीख मिलती है कि माता-पिता की सेवा उनके जीवित रहते हुए करनी चाहिए।
- उन्होंने समाज में फैले उस निंदनीय मैसेज का उल्लेख किया, जिसमें बच्चे अपने माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं।

गया यात्रा में शामिल प्रमुख लोग:

1. माताजी मुन्नी देवी
2. बजरंग सिंह
3. रघुनाथ सिंह उर्फ पालट सिंह चंदेल
4. उषा सिंह
5. धर्मपाल सिंह
6. सूरज सिंह
7. अतुल सिंह
8. मोहित सिंह
9. भान प्रताप सिंह उर्फ गोलू
10. बिंदु पाल सिंह
11. सोनपाल सिंह उर्फ सोनी बाबा
12. वंश सिंह उर्फ खुशीराम
13. तारा सिंह
14. अंजू सिंह
15. धर्मेंद्र सिंह
16. प्रद्युम्न सिंह

गया यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह परिवार और समाज के बीच एकता और प्रेम का प्रतीक भी है।


मोहम्मद आसिफ खास रिपोर्ट लखनऊ

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