पीएम मोदी आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ मनाई दिवाली

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट कर रहे हैं. उन्होंने अपने संबोधन में सोमवार को कहा कि इस साल स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के बीच दिवाली मनाकर वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं.
विमानवाहक पोत पर रात बिताने के अनुभव का जिक्र करते हुए, उन्होंने कर्मियों से कहा, "मैं कल से आपके बीच हूं और हर पल मैंने उस पल को जीने के लिए कुछ न कुछ सीखा है. आपका समर्पण इतना ऊंचा है कि मैं उसे जी तो नहीं पाया, लेकिन मैंने उसे अनुभव ज़रूर किया है. मैं कल्पना कर सकता हूं कि इस दौर से गुज़रना कितना मुश्किल रहा होगा."
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि रात में गहरे समुद्र और सुबह के सूर्योदय को देखना उनकी दिवाली को और भी खास बना देता है.
उन्होंने कहा, "आज, एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज, अनंत आकाश है, और दूसरी तरफ अनंत शक्तियों का प्रतीक यह विशालकाय आईएनएस विक्रांत है. समुद्र के पानी पर सूर्य की किरणों की चमक, बहादुर सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीयों जैसी है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ गई थी. ऐसी है इसकी ताकत- एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त कर देता है. ये है INS विक्रांत की ताकत है. इस मौके पर, मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं."
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना कर्मियों को देशभक्ति के गीत गाते और उनमें ऑपरेशन सिंदूर को दर्शाते हुए देखना, “युद्ध के मैदान में एक सैनिक जो महसूस करता है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता.”
प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि जिस दिन देश को स्वदेशी आईएनएस विक्रांत मिला था, उसी दिन भारतीय नौसेना ने ग़ुलामी के एक बड़े प्रतीक चिन्ह का त्याग कर दिया था. भारतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था. महासागर को चीरता हुआ स्वदेशी विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेनाओं के सशक्त होने के लिए उनका आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. पिछले एक दशक से हमारी सेनाएँ तेज़ी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे कदम बढ़ा रही हैं. हमारी सेनाओं ने हज़ारों वस्तुओं की लिस्ट बनाई है कि ये सामान बाहर से नहीं मँगाए जाएंगे. नतीजा यह हुआ कि सेना के लिए ज़रूरी ज़्यादातर सामान देश में ही तैयार हो रहा है.
पीएम मोदी ने बताया कि 11 सालों में डिफेंस प्रोडक्शन तीन गुना से ज़्यादा हो गया है. उन्होंने कहा कि हर 40 दिन में एक युद्धपोत या पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हो रही है. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत दुनिया के टॉप डिफेंस निर्यातक देशों में शामिल होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के कई देश ब्रह्मोस मिसाइल ख़रीदना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री ने जवानों के समर्पण की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनका समर्पण इतनी ऊँचाई पर है कि मैं उसे जी नहीं पाया, लेकिन जान ज़रूर पाया. उन्होंने रक्षा स्टार्टअप की बड़ी भूमिका पर ज़ोर दिया और कहा कि हमारी स्वदेशी डिफ़ेंस इकाइयों और स्टार्टअप भी दम दिखा रहे हैं.
साभार आजतक

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