शहडोल जिले के देवलोंद में पुलिस आरक्षक के साथ मारपीट, प्रतिबंधित क्षेत्र में माता की प्रतिमा विसर्जन करने की बात पर हुआ विवाद, मामला दर्ज

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शहडोल। शहडोल जिले के देवलोंद थाना क्षेत्र में एक पुलिस आरक्षक के साथ मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। प्रतिबंधित क्षेत्र में माता की प्रतिमा विसर्जन करने की बात पर विवाद हुआ था। घटना के बाद तीन आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने एवं  पुलिसकर्मी के साथ मारपीट किए जाने का मामला दर्ज किया गया है। 
जानकारी के अनुसार नवरात्रि के पश्चात जिले भर में जगह-जगह विराजित गई मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा था। विसर्जन के लिए प्रशासन द्वारा प्रत्येक थाना क्षेत्र में स्थल भी चिन्हित किया गया था। वहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई थी। इसी कड़ी में जिले के देवलोंद थाना क्षेत्र में भी प्रतिमा विसर्जन के लिए स्थान निर्धारित था। इस बीच प्रतिमा विसर्जन के लिए युवकों की एक टोली सोन नदी के प्रतिबंधित स्थल पर मूर्ति लेकर पहुंच गई। जिस पर वहां तैनात देवलोंद थाना में पदस्थ आरक्षक जीतेंद्र मंडलोई ने वहां प्रतिमा विसर्जन के लिए आए युवको से कहा कि यह स्थान खतरे से भरा हुआ है। इसलिए यहां प्रतिमा विसर्जन प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। आरक्षक की यह बात सुन वहां आए युवक रजनीश बैस, राजू बैस तथा पंकज बैस तीनों निवासी ग्राम चचाई थाना देवलोंद ने आरक्षक से बहस शुरू कर दी। युवक इस बात पर अड़े रहे कि वह इसी प्रतिबंधित स्थल पर ही अपनी प्रतिमा का विसर्जन करेंगे। आरक्षक जीतेंद्र मंडलोई के बार-बार मना करने के बाद उन्होंने उसकी बात तो नहीं मानी बल्कि ड्यूटी में मौजूद पुलिस कर्मी के साथ मारपीट शुरू कर दी। घटना के बाद आरक्षक की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने समेत मारपीट किए जाने का मामला दर्ज किया गया है। 
साभार अमर उजाला

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