मूर्ति निर्माण एवं मूर्तियों के विसर्जन के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

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 कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने इंदौर जिले में आगामी त्यौहारों को देखते हुए प्रदूषण की रोकथाम के लिये मूर्ति निर्माण एवं मूर्तियों के विसर्जन के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है। इस संबंध में समय-समय पर  राष्ट्रीय हरित अधिकरण सेन्ट्रल जोनल बैंच भोपाल व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी मूर्ति निर्माण एवं मूर्तियों के विसर्जन हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। 
 इन्दौर जिले में प्रदूषण की रोकथाम हेतु मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन के संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जन सामान्य के स्वास्थ्य के हित एवं लोक शांति बनाये रखाने हेतु इन्दौर जिले की राजस्व सीमा के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है।
 जारी आदेशानुसार मूर्तियों/प्रतिमाओं के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा जैसा कि पवित्र ग्रन्थों में उल्लेखित है। निर्देश दिये गये है कि मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जाये, पक्की हुई मिट्टी, पी०ओ०पी० (प्लास्टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा।  मूर्तियों/प्रतिमाओं पर कलर हेतु केवल प्राकृतिक रंगों व गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल किया जायेगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक व विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा।
  जिले में केवल परंपरागत मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जानी वाली प्रतिमाओं के उत्पादन तथा विक्रय, बाहर ले जाने या बाहर से लाने को प्रतिबंधित किया गया है।
  परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से मूर्ति/प्रतिमाओं के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा इस संबंध में सत्यापन किया जायेगा, यदि कहीं इस आदेश के जारी होने के दिनांक के बाद परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला प्रकाश में आता है तो तत्काल स्थानीय निकाय द्वारा इन प्रतिमाओं को अपने कब्जे में लेकर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ट नियम-2000 के प्रावधानों के अनुरूप किया जायेगा।
  पूजन सामग्री जैसे फल-फूल, नारियल, वस्त्र-आभूषण, सजावट के सामान जिनमें कागज व प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं शामिल है, को मूर्ति/प्रतिमाओं विसर्जन के पूर्व निकाल कर उन्हें अलग-अलग एकत्रित किया जायेगा तथा उक्त एकत्रित सामग्री का निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ट नियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा।
  मूर्ति/प्रतिमाओं विसर्जन के 24 घण्टे के भीतर विसर्जित मूर्ति/प्रतिमाओं से उत्पन्न ठोस अपशिष्टों जैसे बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी, प्रतिमा के हिस्से आदि को एकत्रित कर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ट नियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा । यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-223 के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर अभियोजन किया जायेगा।
 यह आदेश 03 अक्टूबर 2025 तक प्रभावशील रहेगा तथा उक्त प्रभावशील अवधि में उक्त आदेश का उल्लंघन धारा-223 भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।

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