वादे हवा हो गए – ग्राम ....... पानोद में कटी कॉलोनी, सिल्वर पार्क और साईं गोल्ड सिटी के रहवासी बेहाल
दीपक वाड़ेकर
इंदौर। साल 2010–12 के दौरान जिन कॉलोनियों को “आधुनिक सुविधाओं से लैस सपनों का आशियाना” बताकर प्लॉट बेचे गए थे, वे आज बदहाली की मिसाल बनी हुई हैं। कट्टी कॉलोनी, सिल्वर पार्क और साईं गोल्ड सिटी में रहने वाले सैकड़ों परिवार आज भी टूटी और गड्ढों से भरी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं।
बरसात आते ही हालात और भयावह हो जाते हैं। जगह-जगह पानी भरने से कीचड़ और फिसलन बढ़ जाती है। स्ट्रीट लाइट्स न होने के कारण महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग हर रोज़ अंधेरे में अपनी सुरक्षा को लेकर डरते हैं। कई लोग तो मज़बूरी में गाड़ियों से आते-जाते हैं, लेकिन दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है।

जिम्मेदारी का खेल
डेवलपर्स – जिन्होंने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन मूलभूत सुविधाएँ पूरी नहीं कीं।
ग्राम पंचायत/नगर निगम – जिन्होंने आज तक सुधार की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग – जिसने कॉलोनी का नक्शा पास करने के बाद विकास की निगरानी नहीं की।
निवासियों की पुकार
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब उनका सब्र जवाब दे चुका है। रोज़ाना जान जोखिम में डालकर आवागमन करना उनकी मजबूरी है।
वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप करे और डेवलपर्स को उनके वादों के लिए जवाबदेह ठहराए।
रणजीत टाइम्स यह सवाल उठाता है –
“कब तक इंदौर की कॉलोनियों में लोग अधूरे वादों और बदहाल सड़कों के बीच जीने को मजबूर रहेंगे?”

