17 राज्यों में बारिश का अलर्ट, पश्चिम राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ में लू का दौर भी
नई दिल्ली। भारत में भीषण गर्मी के बीच कुछ राज्यों के मौसम का मिजाज बदलने के आसार हैं. मौसम विभाग की मानें तो 9 मई को पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है. इसके अलावा पश्चिम राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ में लू का दौर जारी रहने की आशंका है.
दिल्ली में 9 मई को तेज हवाओं का दौर जारी रहेगा. मौसम विभाग ने दिल्ली में 10 से 12 मई तक गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई है. इस दौरान दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 37 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. वहीं न्यूनतम तापमान 24 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम बारिश, गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटे) चलने की उम्मीद है.
वहीं उत्तराखंड, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश संभव है. गुजरात, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति संभव है.
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, उत्तर पूर्वी असम और इससे जुड़े इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. बांग्लादेश के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर भी एक चक्रवाती परिसंचरण है, जो समुद्र तल से 1.5 ऊपर है.
इसके अलावा एक ट्रफ रेखा उत्तरी आंतरिक ओडिशा से दक्षिण-पूर्व राजस्थान तक, दक्षिणी छत्तीसगढ़, विदर्भ और दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश होकर गुजर रही है. पूर्वी विदर्भ से लेकर दक्षिणी तमिलनाडु तक, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक से गुजरते हुए एक ट्रफ/हवा का विच्छेदन मौजूद है. वहीं 9 मई से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के करीब पहुंचने की उम्मीद है.
साभार आज तक