आरबीआई ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखा, लोन EMI पर राहत के लिए करना होगा इंतजार
नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी जानकारी दी है। रेपो रेट पर फैसले से ब्याज दरों में कमी की उम्मीद लगाए आम लोगों को निराशा हाथ लगी है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है।
महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से रेपो दर को यथावत रखा गया है। यह लगातार सातवां मौका है जब रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है। यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा है। एक अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में एमपीसी की कुल छह बैठकें आयोजित होंगी।
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.5 प्रतिशत कर दी गई। इसके बाद लगातार 7 बार केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो चुकी है। बता दें कि रेपो रेट के आधार पर बैंक लोन की ब्याज दर पर फैसला लेते हैं।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही थी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान