परिवार की आधार महिलाओं को चिंता व तनाव से मुक्त रखता है सहजयोग
साधारणतया हम देखते हैं कि किसी भी परिवार में महिलाएं अधिक चिंतित व परेशान रहती हैं। उनका स्वभाव अत्यंत कोमल होता है तथा उनका ध्यान परिवार के सभी सदस्यों पर होता है तथा सभी के लिए उनमें प्रेम का समावेश होता है। अतः वे हर समय उनके भले के लिए, उनके विकास के लिए, उनके खानपान के लिए, उनके स्वास्थ्य के लिए परेशान रहती हैं।
चिन्ता और निश्चिन्तता हम मानवों की दो विपरीत स्थितियां हैं। जब मानव-चेतना मन के आधीन होती है तो मानव चिंतित होता है क्योंकि मन के भीतर वर्तमान जीवन के लिए कोई समाधान नहीं होता।
और जब हमारी चेतना, निश, यानि कि नि=सहस्त्रार की शक्ति, श=शरण में जाती है तभी तो 'निश्चिंतता' घटित होती है।
सहजयोग ध्यान में इन चिंताओं का समाधान अत्यंत सहज तरीके से हो जाता है। स्वयं श्री माताजी निर्मला देवी जी ने आशीर्वादित किया है कि-
".......एक बार जब आप सहज योग में आ जाते हैं, तो आप परमात्मा के साथ एक हो जाते हैं। शक्ति तुम्हारे भीतर से बहने लगती है और तुम दीप्तिमान हो जाते हो। आप बहुत छोटे हो जाते हैं। आप अधिक स्वस्थ दिखने लगते हैं और आपका स्वभाव बहुत खुश और हंसमुख हो जाता है। तब आप चिंता न करें क्योंकि यहां (सहस्रार में) एक छेद है और सारी चिंताएं उस छेद से होकर गुजरती हैं। आप चिंता नहीं कर सकते। आप चाहें तो भी चिंता नहीं कर सकते।"
दरअसल हमारी चिंताएं हमारे मस्तिष्क पर निवास करती है और जब हम श्री माताजी के आगे सिर झुकाकर प्रणाम करते हैं तो वो चिंताएं हमारे मस्तिष्क से गिर कर श्री माताजी के श्री चरणों में पहुंच जाती हैं। और हम चिंताओ के बोझ से मुक्त हो जाते हैं।
अपने जीवन को चिंता मुक्त बना कर जीवन का आनंद प्राप्त करने के लिए अपना आत्म साक्षात्कार प्राप्त कर सहजयोग ध्यान का अनुभव प्राप्त करें।
कुंडलिनी जागरण द्वारा आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करने हेतु sahajayoga.org.in और टोल फ्री नम्बर 18002700800 पर सम्पर्क करें।