दैनिक जीवन की अनेक समस्याओं का सहज समाधान है सहजयोग ध्यान
सहजयोग श्री माताजी निर्मला देवी जी द्वारा वर्ष 1970 में प्रतिस्थापित एक अनूठी ध्यान योग पद्धति है। संपूर्ण विश्व के सौ से भी अधिक देशों में ध्यानार्थी साधक इस महानतम साधना से लाभान्वित हो रहे हैं। सहज योग कुंडलिनी जागरण के प्राचीनतम व शाश्वत ज्ञान द्वारा आत्मज्ञान को प्राप्त करने का सहज, सरल एवं सिद्ध मार्ग है। इसमें ध्यान के माध्यम से परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति का प्रतिबिंब जो कुंडलिनी के रूप में प्रत्येक व्यक्ति के मेरुदंड के निचले छोर पर स्थित पवित्र त्रिकोणाकार अस्थि ( सेक्रम बोन ) में विद्यमान होती है, की जागृति की जाती है। इस शक्ति के जागृत होने पर मानव को सुंदर एवं सृजनात्मक व्यक्तित्व, उत्तम स्वास्थ्य, अंतर्जात प्रतिभा का निखरना, तथा परमात्मा द्वारा पथ प्रदर्शन प्राप्त हो जाता है। सहजयोग आध्यात्मिकता के सोपान का उच्चतम पाया है।
सहजयोग ध्यान द्वारा दैनिक जीवन में होने वाली तमाम समस्याओं जैसे -
1. तनाव से उत्पन्न होने वाले रोग
2. मद्यपान व अन्य अनेक प्रकार के दुर्व्यसन
3. चित्त में एकाग्रता की कमी
4. कमजोर स्मरण शक्ति
5. सृजन शक्ति का अभाव
6. आत्मविश्वास की कमी
7. स्व निर्णय लेने की क्षमता का अभाव तथा8. आनंदमय, शांतिपूर्ण एवं संतुलित जीवन
का अभाव आदि,
से बड़ी ही सहजता से मुक्ति मिल जाती है।सहज योग कोई संप्रदाय नहीं है अतः इसे अपनाकर सभी धर्म, जाति, वर्ण व व्यवसाय के लोग लाभान्वित हुए हैं। इसे आप कुछ ही समय के ध्यान के पश्चात् स्वयं अनुभव कर सकते हैं।
यह एक सत्यापित वैज्ञानिक पद्धति है जो सनातन ज्ञान-विज्ञान पर आधारित है। अतः आप सभी इस ध्यान योग पद्धति को पाने एवं अनुभव करने के लिए सादर आमंत्रित हैं। आइए और अपनी आंतरिक शक्ति को अपनी हथेलियों पर अनुभव कीजिए।
सहजयोग से संबंधित जानकारी निम्न साधनों से प्राप्त कर सकते हैं। यह पूर्णतया निशुल्क है। टोल फ्री नं – 1800 2700 800 बेवसाइट - sahajayoga.org.in .