मानव को अपनी उच्च चेतना से परिचित कराना ही सहजयोग ध्यान है
पुरातन कालों से ही खोज होती रही, मनुष्य कुछ खोज ही रहा है हर समय। चाहे वो पैसे में खोज ले, चाहे वो सत्ता में खोज ले, वह किसी न किसी खोज की ओर दौड़ रहा है लेकिन उस खोज के पीछे कौन सी प्यास है, ये शायद वो जानता ही नहीं। इसके पीछे सिर्फ आनन्द की खोज है। सारी ही खोजों में ढूंढते ढूंढते जब मनुष्य हार जाता है। और कहीं कुछ मिलता नहीं तो वह धर्म की ओर मुड़ता है और जब धर्म की ओर मुड़ता है तब भी वह बाहर ही खोजता है। कारण यह है कि जो वह खुद है, स्वयं है, वो खोजता है, इसीलिये अपने से मनुष्य भागता है, हर समय अपने से भागता है। दो मिनट अपने साथ बैठ नहीं सकता।......सोचने की बात है कि मनुष्य अपने से इतना जोर से क्यों भागा चला जा रहा है? क्योंकि वह अपने से अपरिचित है, अपने सौन्दर्य से, अपने वैभव से, अपने ज्ञान से और अपने प्रेम से अपरिचित वह आनन्द की खोज बाहर की ओर करते हुए दौड़ रहा है। पर आनन्द तो बाहर है ही नहीं, यह तो अन्दर है, आपमें है, आप स्वयं आनन्द स्वरूप हैं। आप परमात्मा स्वरूप हैं, ऐसा सब लोग कहते हैं। लेकिन सिर्फ बात करने से ही यह बात पूरी नहीं होने वाली है।
हमारे अस्तित्व की शान्ति, सौन्दर्य एवं गरिमा हमारे अन्तर्निहित है। इसका एक महान सागर हमारे अन्दर है। यह आपका अपना है और अत्यन्त सहज है, आपकी पहुँच में है जो कुछ भी आप करते रहे वह केवल तथाकथित आनन्द, प्रसन्नता, सांसारिक शक्तियों की गरिमा और सांसारिक वस्तुओं के पीछे दौड़ना था। अब इन सब गतिविधियों के विपरीत कार्य करना होगा। आपको अपने अन्तस में झाँकना होगा।
सहजयोग, ये परमतत्व का अपना एक तरीका है, यह एक मार्ग है। मानव जाति को उत्क्रान्ति के उस आयाम तक पहुँचाने का एक तरीका है, एक व्यवस्था है जिससे मानव उच्चचेतना से परिचित हो जाये, उस चेतना को आत्मसात कर ले जिसके सहारे ये सारा संसार, सारी सृष्टि और मानव का हृदय चल रहा है। पूरी सतर्कता से स्वयं ही अपने आप होने वाला मानव जीवन का विकास यही सहजयोग है।
सहजयोग में आपको सिर नहीं मुँडवाना, नंगे पाँव नहीं चलना, भूखे नहीं रहना और न ही गृहस्थ जीवन का त्याग करना है।.... सहजयोग अति व्यवहारिक है, क्योंकि यह पूर्णसत्य है अतः अपनी सारी शक्तियाँ, सूझ-बूझ और करुणामय प्रेम के साथ आपको अपने विषय में आश्वस्त होना है और जानना है कि हर समय परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति उन्नत होने में आपकी सहायता, रक्षा, मार्गदर्शन, पोषण तथा देखभाल कर रही है।
सहजयोग से संबंधित जानकारी निम्न साधनों से प्राप्त कर सकते हैं। यह पूर्णतया निशुल्क है। टोल फ्री नं – 1800 2700 800 बेवसाइट - sahajayoga.org.in