सहज योग ध्यान- आत्मा से परमात्मा तक की यात्रा

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ध्यान वह विज्ञान है जो आत्मा को अनंत आत्मा या परमात्मा से पुनः एकाकार करवाता है।  गहराई से नित्य ध्यान का अभ्यास करने से हम अपनी आत्मा को जागृत कर सकते हैं, अपने अस्तित्व के केंद्र में दिव्य चेतना के शाश्वत आनंद का अनुभव कर सकते हैं। 
सहज योग ध्यान हमारी आत्मा से परमात्मा तक की यात्रा में षटरिपु यानि हमारे उत्थान के आड़ आने वाली छ: बाधायें (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मात्सर्य) को हमसे विमुक्त करते हुये ब्रम्हांड में व्याप्त ईश्वरीय ऊर्जा से हमारी एकाकारिता कराने की विधि है।   यह विचार करने या तर्क करने की विषय नहीं है, अस्पष्ट मानसिक प्रक्रिया या दार्शनिक विवेचना भी नहीं है।   यह ध्यान की एक सरल विधि है।  जीवन के भटकाव और वैचारिक उथल-पुथल को शांत कर अपने असली स्वरूप से हमारा आत्मसाक्षात्कार कराने की  अद्भुत और दिव्य विधि है सहज योग।   ध्यान के अनुशासन द्वारा हम अपने को  एकाग्र करना सीखते हैं और हमें अपने अंदर के उस धाम का अनुभव होता है जहां अचल शांति एवं आनंद का निवास है।
जैसे-जैसे ध्यान में गहरे उतरने लगते हैं हमें निरंतर बढ़ती आंतरिक शांति व आनंद का अनुभव होता है जिससे हमारी आत्मा को हम अनुभव करते हैं, और इसी की अति उन्नत अवस्था में हमें अपनी आत्मा का परमात्मा के साथ पूर्णतया एकाकार हो जाने का अनुभव होने लगता है। ध्यान का यही उद्देश्य है — परम आनंदमय चेतना की उत्कृष्ट अवस्था, आनंदमय दिव्य तादात्म्य जिसे समाधि कहते हैं।   
       सहज योग में हमारी आंतरिक शक्ति कुंडलिनी का जागरण बड़ी सहजता से हो जाता है।   हम सामुहिक चेतना से जुड़ जाते हैं।   सालों से सहज ध्यान कर रहे साधकों का सानिध्य हमारी कुंडलिनी शक्ति बहुत सहजता से जागृत कर मध्य मार्ग यानि सुषम्ना नाड़ी से उपर की ओर उठा हमें ईश्वरीय साम्राज्य में प्रवेश कराता है जिसकी अनुभूति  हथेली से प्रवाहित होने वाले चैतन्य से होता है।    हम तत्काल अपने अंदर बदलाव को महसूस करते हैं- अद्भुत, आनंददायी,शांत, शीतल, परम सुख प्रदान करने वाली स्थिति से एकाकारिता पाते हैं। 
दिनाकं 1 मई, 1979 को अपने एक प्रवचन में श्री माताजी ने कहा है, 
"आपके साथ जो मूल बात होती है वह यह है कि आपकी इच्छा शक्ति ईश्वर के साथ एक हो जाती है... इसके अलावा, ईश्वर की इच्छा सोचती है, समझती है, व्यवस्थित करती है और प्यार करती है. आप वास्तव में सरल हैं, तो ही यह आपके ऊपर प्रकट होता है, अन्यथा नहीं। यह बहुत सूक्ष्म शक्ति है। यह उन लोगों के साथ होता है जो वास्तव में इसकी इच्छा करते हैं, कि उनकी इच्छा केवल ईश्वर के साथ एक हो जानी चाहिए। ऐसे लोगों को आत्मसाक्षात्कार मिलता है... यदि आपके पास यह है, तो इसमें महारत हासिल करें और इसका उपयोग करें। "
सहज योग को गहनता से समझने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800  या वेबसाइट www.sahajayoga.org.in से प्राप्त कर सकते हैं। सहज योग पूर्णतया निशुल्क है।

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