संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- 'कुछ लोग नहीं चाहते, भारत फिर से उठ खड़ा हो'

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नई दिल्ली. विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्याल नागपुर में स्थापना दिवस और शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नागपुर के रेशिमबाग मैदान में हुए इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का एक स्थान दुनिया के महत्वपूर्ण देशों में बन गया है. हमारे खिलाड़ियों ने इस बार एशियाई खेलों में 107 पदक जीते हैं. हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें नंबर से उठकर पांचवे नंबर पर आ गए. सिर्फ तकनीक में नहीं, कृषि और दूसरे क्षेत्रों में भी हम आगे बढ़ रहे हैं.
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हमारे देश में काफी विविधताएं हैं और विविधता में एकता कैसे आएगी इसका कोई आधार नहीं है. जंग पर बात करते हुए उओन्होंने कहा कि कट्टरपन के चलते उन्माद पैदा होता है. युद्ध चलते हैं. उसका कोई उपाय नजर नहीं आता. हमारा देश आगे बढ़ रहा है, आत्मविश्वास बढ़ रहा है. दुनिया को रास्ता दिखाना है तो हमें किसी की नकल नहीं करना है. हमें अपना रास्ता बनाना है. हमें एक यशस्वी प्रयोग दुनिया को देना है. उन्होंने कहा कि भारत में कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि भारत खड़ा हो. अलगाव और टकराव कैसे पैदा हो, वह ऐसा वह  प्रयास करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भारत के उत्थान का उद्देश्य सदैव विश्व का कल्याण रहा है. लेकिन, स्वार्थी, भेदभावपूर्ण और धोखेबाज ताकतें अपने सांप्रदायिक हितों की तलाश में सामाजिक एकता को बाधित करने और संघर्ष को बढ़ावा देने के अपने प्रयास भी कर रही हैं. वे तरह-तरह के लबादे पहनते हैं. सांस्कृतिक मार्क्सवादी अराजकता और अविवेक को पुरस्कृत करते हैं, बढ़ावा देते हैं, फैलाते हैं. उनकी कार्यप्रणाली में मीडिया और शिक्षा जगत पर नियंत्रण करना और शिक्षा, संस्कृति, राजनीति और सामाजिक वातावरण को भ्रम, अराजकता और भ्रष्टाचार में डुबाना शामिल है.
साभार आज तक 

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