महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के लिए सीट शेयरिंग बन रहा सिरदर्द
मुंबई। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के लिए एक अनार सौ बीमार जैसे हालात बन गए हैं। आलम यह है कि यहां पर सीट शेयरिंग सिरदर्द बनती जा रही है। एक तरफ भाजपा के सहयोगी दल हिस्सेदारी की उम्मीद में दिल्ली का चक्कर काट रहे हैं। वहीं, भाजपा नेता यह कहकर साथियों को हताश करने में जुटे हैं कि उनकी पार्टी सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़े तो बेहतर होगा। गौरतलब है कि हालिया लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से उसके हिस्से मात्र 17 सीटें आई हैं। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी ने 30 सीटों पर जीत हासिल की है। लोकसभा चुनाव में महायुति के पिछड़ने की कई वजहें थीं और इनमें से एक बड़ी वजह सीट शेयरिंग भी रही। ऐसे में भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में फूंक-फूंककर कदम रखने की तैयारी में है। पिछले कुछ अरसे से महाराष्ट्र में वैसे भी सियासी सुगबुगाहटें काफी तेज हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा एक बार फिर सहयोगियों के लिए पीछे हटती है या नहीं।
महाराष्ट्र में भाजपा ने पहले ही सहयोगियों के लिए काफी समझौते किए हैं। जब महायुति गठबंधन की सरकार बनी तो भाजपा ने सीएम पद एकनाथ शिंदे को दे दिया। लेकिन अब सीट शेयरिंग में पेंच फंस रहा है। एनडीटीवी के मुताबिक भाजपा कुल 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना 100 सीटों से कम पर राजी होने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी तरफ डिप्टी सीएम अजित पवार की पार्टी कम कम से 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कौन समझौता करेगा? जानकारी के मुताबिक अजीत पवार ने साथी डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर भी बात हुई।