कुलगाम में आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों ने घेरा इलाका, अब तक दो दहशतगर्द ढेर

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श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच लगातार चौथे दिन मुठभेड़ जारी रही। दहशतगर्दों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है। सोमवार को दिन भर अखल के जंगल में भीषण फायरिंग और गोले दागने की आवाजें गूंजती रहीं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस ऑपरेशन में थोड़ा और समय लग सकता है, क्योंकि इलाका घने जंगल वाला है। आतंकियों के ऊंचाई पर होने के कारण सुरक्षाबलों को टारगेट तय करना चुनाैती बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा घेरे में फंसे आतंकी पाकिस्तानी हो सकते हैं, जो अति प्रशिक्षित हैं। इनकी तलाश में सेना ड्रोन, हेलीकॉप्टर सहित अन्य आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही है। घने जंगल में छिपे आतंकवादियों को ढेर करने के लिए रॉकेट लांचर भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। सेना की स्पेशल पैरा फोर्स भी इस ऑपरेशन में शामिल है।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार देर शाम करीब आठ बजे जिले के देवसर में अखल के जंगल में चार-पांच आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सेना की नाै राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), जम्मू कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और सीआरपीएफ के जवानों ने क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया। छिपे आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों तरफ से फायरिंग हुई, लेकिन आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल में भाग निकले थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार से शुरू हुई इस मुठभेड़ में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं। चार जवान घायल हुए हैं। यह अभियान दुर्गम जंगली इलाके में चलाया जा रहा है। इसमें रुद्र हेलीकॉप्टर, ड्रोन और विशिष्ट अर्धसैनिक बल सक्रिय रूप से शामिल हैं। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी और कड़ी कर दी है। वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। मारे गए आतंकियों में से एक की शिनाख्त कच्चीपोरा पुलवामा के हारिस नजीर के तौर पर हुई है। मारे गए आतंकवादी से एके47 राइफल, दो मैगजीन, हथगोले और अन्य हथियार व गोला बारूद बरामद किया गया है।
साभार अमर उजाला 

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