गुरु के श्रीचरणों में समर्पित हुए बगैर आत्मतत्व प्राप्त नहीं हो सकता
गुरुनानक जयंती विशेष
गुरु नानक देव आत्मसाक्षात्कारी संत थे। वे कहते थे आत्मस्वरूप ओमकार प्रधान है। आत्मस्वरूप या परमात्मस्वरूप इस संपूर्ण ब्रह्मांड का कर्ता, कर्विता और भोक्ता भी है। वह आत्मस्वरूप कालातीत, निर्भय, अविकारी, आदि, अनादि अयोनिज (अर्थात किसी भी योनि से न जन्मे हुए) और सत्यस्वरूप है। परमात्मा के इस आत्मस्वरूप को हम कैसे प्राप्त कर सकते हैं? तो वे उत्तर देते हैं "गुरुप्रसाद '' अर्थात गुरु के श्रीचरणों में समर्पित हुए बगैर वह आत्मतत्व हमें प्राप्त नहीं हो सकता। वह आत्मतत्व गुरुप्रसाद है। गुरुनानक देव सभी को समान उपदेश देते थे। एक बार 'नवाब साहब के यहाँ, मेहमान बनकर गये। नवाब साहब बोले आप तो महान संत हैं। हिंदू और मुसलमानों में भेद नहीं करते, तो आज चलिये, हमारे साथ, नमाज पढ़िये। गुरुनानक देव नवाब साहब से बोले, केवल एक शर्त पर ! जब मैं नमाज पढूं तब आपको भी मेरे साथ नमाज पढ़नी पड़ेगी। है मंजूर ? नवाब साहब बोले , मैं तो नमाज पढ़ने ही जा रहा हूं, तो नमाज पढूंगा ही । तत्कालीन 'समाज मे सर्वत्र चर्चा फैल गयी कि गुरुनानक देव मस्जिद में नमाज पढ़ने जा रहे हैं। नवाब भी गुरुनानक जी के साथ मस्जिद गये। नवाब साहब ने नमाज पढ़ी परंतु देव खड़े ही रहे, उन्होंने नमाज नहीं पढ़ी । नवाब साहब देख रहे थे कि ,नानकदेव नमाज नहीं पढ़ रहे हैं। नमाज अदा हो गयी और नवाब साहब आग बबूला हो गये, बोले नानक तुम झूठे हो , तुमने अपना शब्द नहीं निभाया | गुरुनानकदेव बोले, मेरी ये शर्त थी कि , जब आप नमाज पढेंगे तभी मैं नमाज पढूंगा। आपने तो नमाज पढ़ी ही नहीं , नबाब और बौखला गये ,बोले पूरी मस्जिद साक्षी है की मैनें नमाज पढ़ी। 'नानक' देव बोले, जब नमाज पढ़ी जा रही थी तब आप काबुल में घोड़े खरीद रहे थे | नवाब साहब सकपका गये। सचमुच में नवाब का एक घोड़ा मर गया था और वे सोच रहे थे कि अब काबुल में जाकर उसी नस्ल के घोड़े खरीदेंगे। गुरुनानक देव बोले जब हम नमाज पढ़ते हैं तो अल्लाह की भक्ति में पूर्णत: लीन हो जाते हैं, निर्विचार हो जाते हैं। प. पू. श्री माताजी प्रणित सहजयोग में जब साधक को आत्मसाक्षात्कार प्राप्त होता है तो पहले ही दिन कुछ क्षण के लिये ये 'निर्विचारिता' साधक को प्राप्त हो जाती है। धीरे-धीरे नियमित ध्यान से यह स्थिति सुदृढ़ होती जाती है।
सहजयोग की अधिक जानकारी टोल फ्री नंबर 18002700800 अथवा यूट्यूब चैनल लर्निंग सहजयोगा से प्राप्त कर सकते हैं। सहजयोग पूर्णतया नि:शुल्क ध्यान पद्धति है।

