दबाव झेल रही शिंदे सरकार मराठा आरक्षण पर बिल लाएगी

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मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते दबाव झेल रही महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार नया विधेयक ला सकती है। सुप्रीम कोर्ट से खारिज किए गए मराठा आरक्षण को लागू करने के लिए यह फैसला लिया जा सकता है। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में मराठा आरक्षण की मांग के लिए इन दिनों जोरदार आंदोलन चल रहा है। सीएम एकनाथ शिंदे ने खुद आंदोलन के नेता मनोज जारांगे पाटिल से बात की थी और उसके बाद 2 जनवरी तक का अल्टिमेटम देकर आंदोलन खत्म हुआ था। अब राज्य पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार मराठाओं को बैकवर्ड घोषित करेगी। इसके बाद बिल लाया जाएगा।
यही नहीं बिल लाने के बाद सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल क्यूरेटिव पिटिशन भी वापस ली जा सकती है। सरकार के सीनियर मंत्री ने कहा कि मराठाओं को पिछड़ा घोषित करते हुए राज्य सरकार एक नया विधेयक ला सकती है। राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें उसने पिछड़ा आयोग से कहा है कि वह मराठाओं के पिछड़ेपन को लेकर डेटा जुटाए। इस डेटा से सरकार को मराठाओं को पिछड़ा घोषित करने में मदद मिलेगी। इससे पहले गायकवाड़ कमिशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस रिपोर्ट पर ही सवाल उठा दिए थे। ऐसे में इस बार डेटा पूरी मजबूती के साथ रखने की तैयारी है। 
मंत्री ने कहा, '2018 में मराठाओं को सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़े के तौर पर जो आरक्षण दिया गया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज किया था कि इसमें पिछड़ेपन के आधार सही से नहीं दिए गए। ऐसे में सरकार ने अब नया कमिशन बनाया है और उसके डेटा के आधार पर ही फैसला होगा।' उन्होंने कहा कि एक बार रिपोर्ट में यह बात आ जाए कि किन परिस्थितियों में मराठाओं को पिछड़ा माना जा रहा है तो नया विधेयक पेश कर दिया जाए। इससे पहले 2018 में हम जो कानून लाए थे, उसे सुप्रीम कोर्ट ने कमियां गिनाकर खारिज कर दिया था। इसके अलावा गायकवाड़ कमिशन पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए थे। 
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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