आज मध्य रात्रि को विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जायेगा
अनिल चौधरी
इंदौर। पूजन विधि के उपरांत खीस्तमस पर्व की खुशी और उल्लास को बांटते हुए कैरोल गीत गाये जायेंगे। इस दौरान नन्हें बालक बालिकाएं प्रभु ईसा के जन्म की घटना को नाटिका के रूप में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रत्येक विश्वासी के मन में बाल येसु के प्रति भक्ति और श्रध्दा को और दृ ढ़ता प्रदान करती है। तत्पश्चात पवित्र मिस्सा बलिदान का शुभारम्भ होगा। महिमा गान के समय घंटियों की ध्वनियों से सारा गिरजाघर गूंज उठेगा। पवित्र वेदी के सम्मुख बनी चरनी में बालक येसु की प्रतिमा का अनावरण किया जायेगा। यह प्रभु ईसा मसीह के जन्म की घटना को विश्वासियों के मन और दिल में जीवतता महसूस कराती है।
इंदौर शहर में तकरीबन 9 कैथोलिक गिरजाघर कैथेड्रल, पुष्पनगर, पिपल्याकुमार, सुखलिया, नंदानगर, पालदा, विजयनगर, नन्दबाग, बेटमा आदि है जहाँ पर भी मध्य रात्रि की विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जायेगा।
बिशप थॉमस जी ने कहा, इस साल का विषय है ‘आशा के तीर्थयात्री’। यह समस्त ईसाई समाजजन के लिए बहुत ही उपयुक्त शीर्षक है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम इस धारा पर तीर्थयात्री हैं। हमें नन्हा बाल येसु यही सन्देश देता है कि हम आशा के तीर्थयात्री बनें। खीस्तमस पर्व की खुशी में आशा और उम्मीद को कायम रखें ताकि निराशाजनक परिस्तिथियों में आशा के दीप बनें। जन संपर्क अधिकारी फा. सुमित ताहिर ने बताया कि इस साल के विषय ‘आशा के तीर्थयात्री को ध्यान में रखते हुए, बरनी को नाव में प्रतीकात्मक रूप से बनाया गया है। हमारी जीवन यात्रा प्रभु येसु के मार्गदर्शन में हम सभी अनंत जीवन को ओर अग्रसर है। खीस्तमस महापर्व खुशी और उल्लास का माहौल होता है। किन्तु इस खुशी में हम यह ना भूले हम सभी तीर्थयात्री हैं। हमें एक दूजे को साथ में लेकर चलना हैं क्योकि सभी का आखरी लक्ष्य परमात्मा में अनंत।

