सच्ची दोस्ती की कहानी - आज के दौर की

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 रवि और अयान , दो गहरे दोस्त, बड़े शहर में नौकरी की तलाश कर रहे थे। दोनों छोटे शहर से आए थे और उनके पास सीमित पैसे थे। उन्होंने एक ही रूम किराए पर लिया और हर मुश्किल को साथ झेला। 

 एक दिन रवि की नौकरी लग गई, लेकिन अयान को कई महीनों तक काम नहीं मिला। रवि ने अपनी सैलरी से घर का खर्चा चलाया और कभी अयान को यह महसूस नहीं होने दिया कि वह बेरोजगार है। 

 समय बीता और आखिरकार अयान को भी एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई। उसकी सैलरी रवि से दोगुनी थी। अयान ने तुरंत रवि का सारा कर्ज चुकाया, लेकिन रवि ने हंसते हुए कहा,
"दोस्ती में हिसाब नहीं होता, यार।" 

 कई सालों बाद, जब रवि बीमार पड़ा और उसे महंगे इलाज की जरूरत थी, अयान ने बिना कुछ सोचे पूरा खर्चा उठाया। उसने कहा,
"तेरे बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच सकता था। दोस्ती का असली मतलब तूने ही सिखाया है।" 

 सीख: आज के समय में सच्ची दोस्ती वही है, जो न केवल साथ खड़ी रहे, बल्कि एक-दूसरे को जीवन में आगे बढ़ाने का हौसला भी दे।  ऐसी दोस्ती पैसों से नहीं, भरोसे और प्यार से बनाई जाती है।

 दोस्ती का अर्थ: "मुश्किल वक्त में जो साथ खड़ा रहे, वही सच्चा दोस्त।" 

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