छात्रों ने आध्यात्मिक विज्ञान  के जरिये आधुनिक मोडल बनाये , 1 दर्जन स्कूलो के छात्रों ने मनवाया अपने हुनर का लोहा

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  1. पानी की सफाई और बिजली का उपयोग कम करने के बने मॉडल
  2. बायोफ्यूल के जरिए स्पेस मैं जाने के तरीके बताएं
  3.  हैंडमेड आर्ट के साथ कचरे को कंचन बनाने की तकनीक भी बताइ
  4. पर्यावरण को बचाने डिस्पोजल का उपयोग कम करने की सलाह भी दी

इंदौर। आधुनिक विज्ञान और आध्यात्मिक विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं। हमारे ऋषि मुनि और गुरु जन कई दशको पूर्व जिन तकनीक से समय की गणना करते थे, जल यंत्रों का संचालन करते थे, अब वही तरीका आधुनिक विज्ञान में भी कारगर साबित हो रहे हैं। यह बात सही साबित कर दिखाई आधुनिक स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों ने।
 शुक्रवार को लालबाग परिसर में हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला के विभिन्न आयोजन की कड़ियो में स्कूली छात्रों को अपना हुनर दिखाने का मौका दिया गया। आध्यात्मिक विज्ञान और आधुनिक विज्ञान का तुलनात्मक अध्ययन के लिए एक प्रदर्शनी आयोजित की गई ।जिसमें स्कूली बच्चों ने विभिन्न माडलो के माध्यम से जीवन में विज्ञान की उपयोगिता को समझाया। बच्चों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट को मंच पर आकर प्रदर्शित किया। सत्य साइ स्कूल ने एक्वा हार्मनी टाइटल से जल शुद्धीकरण यंत्र से अवगत कराया ।वहीं श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने जल संयंत्र, जल यंत्र, समय यंत्र  को बारीकी से समझाया।आध्यात्मिक विज्ञान में पुष्पक विमान के माध्यम से रावण के आवागमन की जानकारी मिलती है और वही आज एरोप्लेन के रूप में हमारे सामने है ।पुराने समय में चले आने वाले जल यंत्र ,समय यंत्र बारीक से बारीक पल की गणना कर देते थे तो क्यो  न हम  भारतीयता की जड़ो को मजबूती देने वाले विज्ञान को न केवल स्तेमाल करे बल्कि उसे आधुनिकता में शामिल करें। इसी भावना के साथ छात्रों ने प्रदर्शनी में भाग किया। भवंस प्रॉमिनेंट स्कूल की छात्र-छात्राओं ने बायोफ्यूल से अंतरिक्ष को नापने वाले पुस्पक विमान की कल्पना को साकार किया गया।
गन्ने के कचरे से बने थाली प्लेट कटोरी
लाल बाग में आयोजित हिन्दू आधात्मिक एवं सेवा मेले के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रातः के सत्र के बाद बच्चों के हुनर को तराशा जा रहा था ।1 दर्जन से ज्यादा स्कूलों ने अपने अपने प्रोजेक्ट मॉडल आद्यत्मिक्ता के आधार पर प्रस्तुत किया । आयोजन करताओ ने पूरे परिसर को बच्चो के होसलो के हिसाब से डेकोरेट करवाया था । मंच एक के बाद एक अपना परिचय देने के काम में आया अनेक संस्थाओं द्वारा सेवा गतिविधियों का जीवन प्रदर्शन कम लोगों को ही नसीब होता है ।।
हैंडमेड वस्तुओं के साथ मड़ना वर्क भी किया
गोल्डन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने हैंडमेड माड़ना ,आर्टवर्क कर खुद को साबित किया। वही लाख अडचनो के बावजूद भी प्रदर्शनी में मॉडल पेश करने के काबिल बनाया ।उन्होंने विभिन्न तरह का आर्टवर्क करने वाले स्कूलों  क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन दिया ताकि वह इसका खुलेआम प्रयोग कर सके। सैकड़ो की तादाद में घर के कई कोनों में बड़ा नयापन देखने को मिल रहा है कैटालिस्ट वर्ल्ड स्कूल ने शुगर केन के कचरे से बनाई जाने वाली वस्तुओं पर अपना हुनर दिखाया उन्होंने गन्ने की चर्खियों के माध्यम से निकलने वाले कचरे के वेस्ट को फिर से प्रोसीजर कर  बड़ी प्रदर्शनी मैं स्टॉल लगाया जिसमें केमिकल और ईटेबल ग्लू के माध्यम से घास को बर्तनों में तब्दील किया जा रहा है कैटालिस्ट वर्ल्ड स्कूल ने नई पहल की है।

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