साहित्य अध्ययन विलक्षण आनन्द की अनुभूति देता है - कलेक्टर
हरदा साहित्य साधना का जिला
मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला ईकाई द्वारा साहित्य संगोष्ठी आयोजित
ब्यूरोचीफ वीरेंद्र चौहान
मध्यप्रदेश लेखक संघ की हरदा जिला ईकाई द्वारा शुक्रवार को साहित्य संगोष्ठी एवं दीपावली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री सिद्धार्थ जैन थे। संगोष्ठी का संयोजन सेवा निवृत्त अपर कलेक्टर श्री आर.आर. वामनकर एवं सेवा निवृत्त प्राचार्य डॉ. प्रभुशंकर शुक्ला ने किया।
संगोष्ठी में जिले के साहित्यकार सर्वश्री सुभाष सिटोके, जयकृष्ण चांडक, मंसूर अली, सावन सिटोके, रतन सिंह सोलंकी एवं जी.आर. गौर ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिरीष अग्रवाल द्वारा किया गया। संगोष्ठी में सर्वप्रथम श्री सावन सिटोके द्वारा अपनी रचना ‘‘कभी घूम आते थे पहले मामा के गांव’’ श्री रतन सोलंकी ने ‘‘अरमानों के दीप जलाकर दीपावली मनाएंगे’’ शायर श्री मंसूर अली ने ‘‘हम हिन्दोस्तानी मुहब्बत की कदर रखते हैं’’ प्रस्तुत की। कवि श्री सुभाष सिटोके ने ‘‘कलम धन्य हो जाती है जब जन हेतु लिखा करती है’’, श्री लोमेश गौर ने ‘‘हमको तो जनता के दर्द लिखने की हिम्मत है’’ श्री जयकृष्ण चांडक ने ‘‘दूरियां दरम्यां समझता हूँ पर मैं लाचारियां समझता हूँ’’, श्री जी.आर. गौर द्वारा ‘‘घर घर में अलख जगाना है, हर नशे को बंद कराना है’’कविताएं प्रस्तुत की। संचालन कर रहे डॉ. गिरीश अग्रवाल ने भी बीच बीच में अपनी सुंदर काव्य रचनाओं की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रभुशंकर शुक्ला ने कहा कि हरदा साहित्य साधना का जिला है। यहां के साहित्यकारों की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर है। श्री आर.आर. वामनकर ने कहा कि हरदा में नियमित साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया जाए। अंत में कलेक्टर श्री सिद्धार्थ जैन ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य अध्ययन हमें विलक्षण आनन्द की अनुभूति कराता है। जिले में साहित्य एवं लेखन से जुड़ी प्रतिभाओं को बेहतर मंच उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। कार्यक्रम में डॉ. प्रभुशंकर शुक्ला द्वारा रचित ‘‘स्मृति एवं संस्कार’’ पुस्तक का विमोचन भी किया।

