मीटिंग में भावुक होकर बोले तेजस्वी यादव-यदि विधायक चाहें तो नेतृत्व छोड़ने को तैयार हूं

  • Share on :

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की हार को पचाना लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के लिए मुश्किल हो रहा है। उनके बेटे तेजस्वी यादव भले ही आरजेडी विधायक दल के फिर से नेता चुन लिए गए हैं, लेकिन पार्टी में सब कुछ सहज नहीं है। यहां तक कि तेजस्वी यादव सोमवार को विधायक दल की मीटिंग के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने अपनी तरफ से ही यहां तक कह दिया कि यदि विधायक चाहें तो नेतृत्व छोड़ने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि विधायकों की राय हो तो वे अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को अपना नेता चुन सकते हैं। उन्होंने साथी विधायकों से कहा कि यदि उन्हें लगता है कि मेरे स्थान पर किसी और के आने से संगठन मजबूत हो सकता है तो ऐसा कर सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक विधायक ने कहा कि तेजस्वी यादव टिकट बंटवारे और हार को लेकर लगे आरोपों से आहत थे। मीटिंग के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आखिर मैं क्या करूं। परिवार को देखूं या फिर पार्टी को देखूं। बहन रोहिणी आचार्य की ओर से लगाए आरोपों के चलते तेजस्वी यादव फिलहाल दबाव की स्थिति में दिख रहे हैं। हालांकि अब तक उन्होंने खुलकर कुछ भी कहा नहीं है। उनके सलाहकार और करीबी संजय यादव एवं रमीज नेमत खान पर भी आरोप लग रहे हैं कि तेजस्वी यादव सिर्फ उनकी ही सुनते हैं और कार्यकर्ताओं से दूर हो गए हैं।
तेजस्वी यादव की ओर से अचानक ऐसे ऑफर से माहौल भावुक दिखा। वहां मौजूद तमाम विधायक आग्रह करने लगे कि आप ही हमारे नेता रहें। इस बीच खुद लालू यादव ने दखल दिया और उन्होंने विधायकों से कहा कि वे राजी करें। इसके बाद विधायकों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को अपना नेता चुन लिया। इस दौरान राबड़ी देवी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव भी मौजूद थे। बता दें कि मीसा भारती को भी असंतुष्ट बताया जा रहा है, लेकिन वह खुलकर कुछ भी नहीं कह रही हैं। दरअसल आरजेडी को इस चुनाव में 25 सीटें ही मिली हैं, जबकि वह 143 पर उतरी थी। वह तीसरे नंबर का दल बन गई है, जिसे पार्टी के लिए करारा झटका माना जा रहा है।
इससे पहले 2010 में ही ऐसा हुआ था, जब आरजेडी को महज 22 सीटें मिली थीं। तब नेता विपक्ष का पद भी नहीं मिल पाया था, लेकिन इस बार नेता विपक्ष बनने में तेजस्वी यादव कामयाब रहे हैं। तेजस्वी यादव को नेता चुने जाने वाली मीटिंग में जगदानंग सिंह ने कहा कि हमारी यह हार ईवीएम के चलते हुई है। उन्होंने कहा कि इन मशीनों का बेजा इस्तेमाल हुआ है। उनकी इस दलील को विधायक भाई वीरेंद्र ने भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम के खिलाफ लड़ना होगा। हमें डिमांड करनी चाहिए कि इलेक्शन सिर्फ बैलेट पेपर से ही हो।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper