नगर का प्राचीन मंदिर अतिक्रमण के कारण विलुप्ति की कगार पर पहुंचा

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गोटेगांव स्थानीय नगर के फुवारा चौक के पास स्थित प्राचीन मंदिर जो कि लगभग 100 वर्ष से भी अधिक राधा कृष्ण का मंदिर स्तिथ है उसके चारों ओर वर्तमान का समय में अतिक्रमण व्याप्त है, प्राचीन मंदिर को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए अभी तक सामाजिक संस्था या स्थानीय प्रशासन में बैठे अधिकारीयों द्वारा कोई खास पहल नहीं की गई, नगर के स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि फुहारा चौक नगर पालिका परिषद के बिल्कुल समीप राधा कृष्ण का प्राचीन मंदिर हुआ करता था, यह मंदिर पहले दूर से ही दिख जाया करता था लेकिन आज इस मंदिर के चारों ओर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है,मानो ऐसा लगता है कि यहां मंदिर नाम का कोई प्राचीन धार्मिक स्थल मौजूद था ही नहीं, इस मंदिर में योगेश्वर भगवान श्री कृष्णा और राधा जी की अद्भुत प्रतिमा स्थापित थी जिनके दर्शन के लिए भक्तगण आते थे लेकिन बीते कई वर्षों से देखा जा रहा है कि उक्त मंदिर कहां चला गया यह नगर में जनचर्चा का विषय बना हुआ है नगर के अनेक नागरिकों ने बताया कि पहले मंदिर में सुबह-शाम पूजन और आरती होती थी परंतु वर्षों व्यतीत हो जाने के बाद उनके दर्शन करना मुश्किल हो गए हैं,जैसा कि लोगों ने बताया सन 1909 में सेठ गोकुलदास जी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था इस मंदिर के बनने के बाद इसके पुजारी के द्वारा आरती पूजन सभी कार्यक्रम संपन्न किए जाते थे परंतु धीरे-धीरे इस मंदिर के चारों ओर इतना अधिक अतिक्रमण फैल गया है,मंदिर उस आक्रमण से बिल्कुल घिर गया है जिससे अब भक्तों को भगवान के दर्शन करना मुश्किल हो रहा  हैं जिससे आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं में नाराजगी और रोष व्याप्त है, 
अतिक्रमण को चिह्नित कर मंदिर को मुक्त करने की मांग 
नगर के नागरिकों ने स्थानीय शासन प्रशासन से इस प्राचीन मंदिर के आसपास फैले अतिक्रमण को हटाने की गुहार लगाई है उनका कहना है कि प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर के आस पास फैले अतिक्रमण को मुक्त कराया जाए ताकि इस मंदिर में आस्था रखने वाले श्रद्धालु पुनःअपने आराध्य देव के दर्शन कर पूजन अर्चन कर सके।

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