युवा पीढ़ी पर नशे की मार: भविष्य खतरे में!
राजेश धाकड़
इंदौर। देश की युवा पीढ़ी नशे की चपेट में तेजी से आती जा रही है। नशे की लत ने न सिर्फ युवाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि उनका भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक दबाव, मानसिक तनाव, फैशन की दौड़ और गलत संगत युवाओं को नशे की ओर धकेल रही है। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब यह नशीले पदार्थ बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
नशे के दुष्प्रभाव केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं हैं — यह रिश्तों में दरार डालता है, पढ़ाई और करियर पर नकारात्मक असर डालता है और कई बार अपराध की राह तक ले जाता है।
समाधान के तौर पर, समाज को जागरूकता फैलाने की जरूरत है। स्कूलों, कॉलेजों और परिवारों में खुलकर संवाद होना चाहिए। साथ ही प्रशासन को चाहिए कि नशीले पदार्थों की तस्करी पर कठोर कार्रवाई करे और पुनर्वास केंद्रों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार हो।
निष्कर्षतः, यदि हम आज सचेत नहीं हुए, तो कल की पीढ़ी हाथ से निकल सकती है। युवा देश की रीढ़ होते हैं — उन्हें नशे से नहीं, शिक्षा, स्वास्थ्य और सकारात्मक सोच से जोड़ना होगा।
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