हाईकोर्ट ने लिटिल वंडर्स कॉन्वेंट स्कूल के निर्णय को सही ठहराया
इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर खंडपीठ ने लिटिल वंडर्स कॉन्वेंट स्कूल के एक छात्र को अनुशासनहीनता के कारण 10वीं कक्षा में प्रवेश न देने के स्कूल के निर्णय को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकल पीठ ने याचिका क्रमांक 22258/2025 में विस्तृत आदेश पारित करते हुए याचिकाकर्ता की याचिका खारिज कर दी।
मामले में याचिकाकर्ता के पुत्र पर सोशल मीडिया पर स्कूल और शिक्षकों के विरुद्ध अपमानजनक व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले मीम्स पोस्ट करने के गंभीर आरोप थे। स्कूल की अनुशासन समिति की जांच में छात्र ने अपनी गलती स्वीकार की थी। इसके बाद स्कूल ने उसे आगे पढ़ने की अनुमति न देने का निर्णय लिया।
याचिकाकर्ता ने राज्य बाल अधिकार आयोग के आदेश के आधार पर स्कूल के निर्णय को चुनौती दी थी। परंतु न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आयोग के आदेश केवल सलाहकारी प्रकृति के होते हैं, बाध्यकारी नहीं।
प्रतिवादी क्रमांक 5 लिटिल वंडर्स कॉन्वेंट स्कूल की ओर से *अधिवक्ता तरंग चेलावत, अधिवक्ता मानसी जैन ने पक्ष रखते हुए स्कूल के निर्णय का समर्थन किया। न्यायालय ने यह माना कि विद्यालय को अनुशासन बनाए रखने के लिए ऐसे निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है और इस मामले में स्कूल का रुख न तो अवैध है और न ही मनमाना।

