नए साल की शुरुआत ज़ोरदार ठंड और भीषण बर्फबारी के साथ... कश्मीर में जश्न में डूबे पर्यटक
जम्मू। नए साल पर देश का मौसम भी ज़बरदस्त बदल रहा है. नए साल की शुरुआत ज़ोरदार ठंड और भीषण बर्फबारी के साथ हुई. जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी के बीच नए साल के जश्न में लोग डूबे हैं हालांकि ये बर्फबारी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है और कई जगह पर बर्फबारी ब्लैक आइस में बदल रही है. वो ब्लैक आइस जिससे गाड़ियों के फिसलने और हादसे होने का खतरा बढ़ जाता है.
श्रीनगर हो या गुलमर्ग या पुंछ... पूरा कश्मीर बर्फिस्तान बना हुआ है, डल झील जमी हुई है, ऐसा लग रहा है कि सबकुछ जम गया है. कश्मीर की असली तस्वीर अब नज़र रही है. जिधर देखो बर्फ ही बर्फ है लेकिन बर्फबारी ने ज़िंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. बिगड़ते मौसम ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.
कई इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है. डल झील पर बर्फ की सतह बन चुकी है. कोई शिकारा या हाउस बोट भी नहीं चल पा रही है. रेलवे ट्रैक पूरी तरह से बर्फ में दब चुका है. रास्तों से बर्फ हटाते हटाते लोग थक गए तो जेसीबी बुलानी पड़ी. पेड़ भी सफेद बर्फ की चादर लपेटे हुए नज़र आ रहे हैं.
गुलमर्ग में भी भीषण बर्फबारी हो रही है, इससे टूरिस्टों की लॉटरी सी लग गई है. मौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी कर दिया गया है. 2 जनवरी से कश्मीर में एक और बर्फबारी का दौर शुरू होगा. इस बार बर्फबारी से कश्मीर के किसानों में नई उम्मीद है. किसानों का कहना है कि बर्फबारी से सेब की बागवानी अच्छी होगी. टूरिस्टों को भी ये बर्फ बहुत लुभा रही है लेकिन अब ये बर्फ टूरिस्टों के लिए भी काल बन सकती है.
दरअसल बर्फबारी रुकने के बाद आसमान साफ बना हुआ है और तापमान गिरना शुरू हो गया है. तापमान गिरने और आसमान साफ होने पर बर्फ सख्त होना शुरू हो जाता है. इसे ही ब्लैक आइस कहते हैं और ये ब्लैक आइस फिसलन बढ़ा देती है, जिससे गाड़ियां फिसलने लगती हैं और एक्सिडेंट के खतरे बढ़ जाते हैं.
साभार आज तक