गन्ने का रस, जूस और कोल्ड्रिंक्स में घटिया बर्फ के उपयोग से उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज बढ़ रहे

  • Share on :

इंदौर। एमवाय सहित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि शहर में अचानक उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण बाजार में बिकने वाली घटिया क्वालिटी की बर्फ है। कुछ गिनी-चुनी बर्फ फैक्ट्री को छोड़कर शहर के अधिकांश आइस प्लांट स्वच्छ पानी के बजाय प्रदूषित पानी से बर्फ बनाकर उसे धड़ल्ले से बेच रहे हैं। गर्मी के मौसम में शहर से लेकर गांवों तक बर्फ का उपयोग काफी बढ़ जाता है, खासतौर पर रंगीन चाशनी वाले गोले, गन्ने का रस, नींबू पानी और अन्य कोल्ड्रिंक में बर्फ का अधिक प्रयोग होता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, बाजार में ठेलों, लस्सी की दुकानों, जूस सेंटर और विभिन्न आयोजनों में बर्फ की खपत में तेजी आ जाती है। इसी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आइस प्लांट वाले बाजार में अच्छी और खराब दोनों क्वालिटी की बर्फ सप्लाय करने लगते हैं। बेहतर क्वालिटी की बर्फ आरओ प्लांट के साफ-सुथरे पानी से बनती है, जबकि कई आइस प्लांट वाले मुनाफा कमाने के लालच में साफ-सफाई और पानी की गुणवत्ता की अनदेखी कर प्रदूषित पानी से बर्फ तैयार करते हैं।
डॉक्टर सुभाष बारोड के अनुसार, पिछले दस दिनों में जिन मरीजों में उल्टी-दस्त और बुखार जैसे लक्षण देखे गए हैं, उनकी मेडिकल हिस्ट्री लगभग एक जैसी है। अधिकांश मरीजों ने बाजार में बर्फ के गोले खाने, गन्ने का ठंडा रस पीने या अन्य कोल्ड्रिंक का सेवन करने के बाद ही बीमार पड़ने की बात स्वीकार की है। इन मरीजों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक शामिल हैं। कालोनियों के निजी डॉक्टरों से लेकर सरकारी अस्पतालों और निजी क्लीनिकों तक में इन बीमारियों का इलाज करवा रहे मरीजों की शिकायतों में बर्फ वाले आइटम का उल्लेख आम है। इससे साफ संकेत मिलता है कि घटिया क्वालिटी की बर्फ के सेवन के कारण ही शहर में उल्टी-दस्त और बुखार जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।
डॉक्टर पीयूष जोशी ने बताया कि गर्मी के मौसम में बर्फ वाले खाने-पीने के आइटम की मांग बढ़ने के कारण बाजार में इनकी बिक्री काफी बढ़ जाती है। ऐसे में कई ठिकानों पर गुणवत्ता वाली बर्फ का उपयोग होता है तो कई जगह घटिया क्वालिटी की बर्फ भी धड़ल्ले से इस्तेमाल की जाती है। बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए घर के फ्रिज में जमाई गई बर्फ का ही उपयोग करना सुरक्षित रहता है। बाजार में मिलने वाली बर्फ की गुणवत्ता को परखना मुश्किल होता है, इसलिए घर की बर्फ ही बेहतर विकल्प है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर अमित मालवीय के अनुसार, मौसमी बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण प्रदूषित खानपान और इससे होने वाला संक्रमण होता है। खासकर गर्मियों और बारिश के मौसम में यह संक्रमण तेजी से फैलता है। प्रदूषित पानी से बनी बर्फ के सेवन से उल्टी-दस्त, बुखार और गले में टॉन्सिल्स जैसी समस्याएं होने का खतरा अधिक रहता है। डॉक्टरों की सलाह है कि गर्मियों के मौसम में हमेशा घर के फ्रिज में बनी हुई बर्फ का ही उपयोग करें, ताकि ऐसे संक्रमणों से बचा जा सके और स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।
साभार अमर उजाला

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper