कलेक्टरों की मर्जी से भर रही ठेकेदारों की जेब, 40 जिलों के कलेक्टरों ने नहीं कराई एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बिक्री की जांच

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रणजीत टाइम्स
भोपाल : उत्सव सोनी

प्रदेश में शराब की बिक्री के लिए तय अधिकतम कीमत से भी महंगी शराब बेचने के मामले में कलेक्टरों की रुचि नहीं है। इसका फायदा शराब दुकान का ठेका लेने वाले ठेकेदार उठा रहे हैं। सरकार को एमआरपी से अधिक कीमत पर बिकने वाली शराब का पैसा मिल नहीं रहा है। लेकिन कलेक्टरों और आबकारी अफसरों की कार्रवाई न करने की लापरवाही का फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं। कलेक्टरों की उदासीनता का अंदाजा इससे लगता है कि आबकारी आयुक्त के द्वारा जांच के निर्देश देने के बाद चालीस जिलों के कलेक्टरों ने इस तरह के मामलों में कोई जांच कराना जरूरी नहीं समझा है। सिर्फ 15 जिलों में जांच हुई और तय कीमत से महंगी शराब बेचने पर 2 करोड़ 32 लाख का जुर्माना शराब दुकान संचालकों पर लगाया है।

आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने 13 मई को सभी जिला आबकारी अधिकारियों और सहायक आबकारी अफसरों को निर्देश जारी कर कहा था कि कई जिलों में अधिकतम विक्रय मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत पर शराब बेची जाने की शिकायत मिली है। इसलिए एमआरपी और न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) से कम पर शराब बेचने वाले लाइसेंसियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने इस मामले में 10 दिनों में कार्यवाही की रिपोर्ट आयुक्त कार्यालय में भेजने को कहा था। इसके बाद प्रदेश के सिर्फ 15 जिलों में जांच की गई है और इन जिलों में दुकानों पर निरीक्षण के दौरान एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचना पाया गया है।

* जबलपुर में सबसे अधिक कार्रवाई, भोपाल में 7 दुकानों पर 24 लाख की पेनाल्टी

* राजधानी भोपाल में भी आबकारी अमले ने 4 समूहों की 7 दुकानों पर जांच की।

* कलेक्टर ने इन दुकानों पर 24 लाख 03 हजार 169 का जुर्माना ठोका है।

* एमआरपी से अधिक पर शराब बेचने वालों के खिलाफ प्रदेश में सबसे बड़ी कार्रवाई जबलपुर जिले में की गई है। यहां सबसे अधिक 32 शराब दुकानों पर कार्रवाई कर दुकानों पर 1 करोड़ 10 लाख की पेनाल्टी लगाई गई है।

* सिवनी जिले में सिर्फ एक दुकान पर 6 हजार की पेनाल्टी लगी है। इंदौर में 18 समूहों की 19 दुकानों पर एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचने पर 51 लाख की पेनाल्टी लगाई गई है।

हाईकोर्ट में भी लगी है याचिका

जबलपुर में पिछले सप्ताह ही एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब बेचने को लेकर एक जनहित याचिका भी हाईकोर्ट में लगाई गई है, जिस पर अदालत ने आबकारी आयुक्त समेत अन्य अफसरों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

 

जिलावार जांच और जुर्माने की कार्रवाई

जिला               दुकान          जुर्माना

बुरहानपुर            3             461079

छतरपुर              3            117286

छिंदवाड़ा            3              300000

दमोह                1               133394

जबलपुर           32            11088968

नीमच                3                59011

पन्ना                    4             197178

रीवा                    5             1370024

सागर                  4              1076017
 
सिवनी                 1                6000

शिवपुरी               11            324205

टीकमगढ़              7              538266

उमरिया                 1              23591

इंदौर                    19           5100000

भोपाल                   7           2403169

कुल                     106         23198128


एक दिन की लाइसेंस फीस के बराबर लगती है पेनाल्टी

नई आबकारी नीति के तहत प्रावधान किया गया है कि एमआरपी से अधिक और एमएसपी से कम कीमत पर शराब की बिक्री होने पर सालाना लाइसेंस फीस के हिसाब से एक दिन की पेनाल्टी लगाई जाएगी। इस हिसाब से अलग अलग जिलों में शराब दुकानों पर अलग अलग पेनाल्टी लगाई गई है। नियम के अनुसार आबकारी अमले की जांच के दौरान जिस भी दुकान पर एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब बेची जाती है, उसके खिलाफ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा जाता है। जवाब से संतुष्ट न होने पर पेनल्टी लगाने का प्रस्ताव संबंधित जिले के कलेक्टर को भेजा जाता है। जो पेनल्टी का आदेश जारी करते हैं।

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