दशहरा के बाद से मनाये जाने वाले सात दिवसीय गरबी महोत्सव  का गुरुवार को हुआ समापन

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हाटपीपल्या से संजय प्रेम जोशी की रिपोर्ट
मांन कुंड देवगढ़ सहित आसपास के पाटीदार एवं खाती समाज बाहुल्य   क्षेत्रों   में दशहरा पर्व तिथि के  बाद से सात दिवसीय गरबी महोत्सव का आयोजन होता है । इस वर्ष बेहरी तथा नया पुरा छतर पुरा में यह पर्व धूमधाम से मनायागया  गुरुवार को कार्तिक माह की तीज तिथिपर सात दिवसीय गरबी का विसर्जन  समापन हुआ। बीते 7 दिनों में बेहरी स्थित मां कात्यायनी के मंदिर में महिलाओं-पुरुषों ने गरबा करते हुए मातारानी की आराधना की। 
गरबी की यह परंपरा क्षेत्र की खुशहाली के लिए और बेहतर फसल उत्पादन के लिए पर्व के रूप में मनाई जाती है।  गुरुवार को कार्तिक माह की तीज पर  पूरे गांव में गरबी  का भ्रमण करवाते हुए निर्धारित स्थान पर पहुंच कर पूजा अर्चना की गई है। इसके बाद इस गरबी  का बहते जल में विसर्जन कर दिया ।  गांव से जुड़े पं. अंतिम उपाध्याय व राजेंद्र उपाध्याय ने  उक्त गरबी  का पूजन  किया।
इसी महोत्सव के दौरान ग्रामीण किसान  शुभम पटेल व रामरतन पटेल व संतोष प्रजापत ने  खेड़ापति मंदिर में हनुमानजी महाराज  को चोला चढ़ाकर अभिषेक  किया। बेहरी  से गुजरने वाली   गुनेरा नदी में विधि-विधान से उक्त गरबी का विसर्जन किया । इस दौरान गांव के  सूरज सिंह पाटीदार प्रहलाद गिरी गोस्वामी, शिवनारायण वर्मा, सूरजमल पाटीदार, मूलचंद पाटीदार, आत्माराम पाटीदार, कन्हैयालाल बागवान, हुकम सिंह बरेडिया, भोजराज पाटीदार, हेमराज पटेल, शिवनारायण पटेल, आत्माराम पाटीदार, आनंदीलाल पाटीदार, बद्रीलाल पाटीदार, शिवनारायण विश्वकर्मा, संतोष पाटीदार, पूर्व उप हीरालाल गोस्वामी आदि विशेष रूप से शामिल हुए।  गुनेरा नदी में पर्याप्त पानी होने से विसर्जन प्रक्रिया बहुत उचित तरीके से हो गई। विसर्जन के पूर्व गरबी को श्रद्धापूर्वक संतोष प्रजापत ने सर पर रखते हुए जुलूस के रूप में पूरे गांव में भ्रमण कीया  ओर खेड़ापति मंदिर तक ले जाया गया। मंदिर में अभिषेक पूजा कर इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं-पुरुष शामिल रहे।

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