इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पहुंची टीम, सात दिन इंदौर में रहेगी

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इंदौर। इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग शुक्रवार से शुरू हो गई। इस बार इंदौर की सफाई व्यवस्था को बारिकी से परखा जाएगा,क्योकि इंदौर स्वच्छता की प्रीमियर लीग में शामिल है। अन्य शहरों की तुलना में इस लीग में शामिल शहरों के आंकलन का पैमाना अलग होगा। इसमें इंदौर के अलावा सूरत और नवी मुबंई भी शामिल है। यह दोनों शहर पिछले साल दूसरे और तीसरे नंबर पर थे। इस बार मुकाबला और कड़ा है।
दोनो शहरों से इंदौर को टक्कर मिल रही है, लेकिन इंदौर की सबसे बड़ी ताकत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन है। इंदौर में शत प्रतिशत कचरा घरों से निकल कर ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाता है। वैसे तो इंदौर में रविवार को ही टीम आ गई थी और खजराना मंदिर का दौरा भी किया, लेकिन विधिवत सर्वेक्षण शुक्रवार से शुरू होगा। टीम शहर की बस्तियो में पहुंचेगी और लोगों से फीडबैक भी लेगी। इंदौर  आई टीम को कहां जाना है और किस क्षेत्र का मुआयना करना है, इसके निर्देश दिल्ली में बैठी टीम गूगल मेप के जरिए देगी।
शुक्रवार सुबह इंदौर की सफाई व्यवस्था आम दिनों की तुलना में बेहतर नजर आई। गलियों को विशेष तौर पर साफ किया गया और गीले और सूखे कचरे को व्यस्थित तरिके से घरों से लिया गया। मिक्स कचरे को लेने में सख्ती दिखाई गई।
इस बार इंदौर यहां है कमजोर
शहर की बेकलेन में कचरा फिर नजर आने लगा है। पहले अर्थदंड के कारण लोग कचरा फेंकने से बचते थे।
शहर के पुराने हिस्से में अभी भी खुली नालियां, जलजमाव और नदियों में सीवरेज जल मिलता है। इस बार सर्वेक्षण में इसे भी जांचा जाएगा।
सफाई को लेकर लोगों में भी जागरुकता की कमी आई है। कई बस्तियों में कचरे के खुले ढेर नजर अाते है।
 डोर टू डोर वाहन फूल-पत्तियों के कचरे को ले जाने से मना करते है, इसलिए लोग अब उन्हें खुले में फेंकने लगे है।
साभार अमर उजाला

 

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