तीन दिवसीय महाराष्ट्रीयन पर्व का समापन हुआ

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माता ज्येष्ठा गौरी व माता कनिष्ठा गौरी को लगाए 56 भोग दीप जलाकर प्रसाद वितरण
इंदौर नगरीय  क्षेत्र में देश के प्रत्येक क्षेत्र से लोग निवास करते हैं। और अपनी अपनी परंपराओं को निभाते हुए पर्व  मानते हैं। इंदौर स्थित 24 सहकार नगर एक्स. केट चौराहा यादव गौशाला वाली गली, इन्दौर निवासी पांडुरंग होळकर व परिवार ने बताया की परीवार की  पुर्व परंपरानुसार  महाराष्ट्रीयन परिवार में भाद्रपद के महीने में भगवान श्री गणेश जी की स्थापना के ठीक चार दिन बाद यानी शुक्ल पक्ष की सप्तमी  पर महालक्ष्मी (महागौरी) घर-घर विराजमान होती हैं। महालक्ष्मी का श्रृंगार नई नवरी, पैठनी साड़ी पहनाकर आभूषणो से श्रृंगार कर स्थापना  की जाती है।
गणेश उत्सव के तहत महाराष्ट्रीयन परिवारों में तीन दिन महालक्ष्मी पर्व की शुरुआत हुई । इसमें रविवार को ज्येष्ठा माता व कनिष्ठा माता की अगवानी की गई। इसके बाद दूसरे दिन सोमवार को महाराष्ट्रीयन परिवार के 24 सहकार नगर एक्स. केट चौराहा यादव गौशाला वाली गली इन्दौर निवासी पांडुरंग होलकर अलका होलकर युवराज होलकर हिमांगी होलकर के निवास पर माता को छप्पन भोग और पुरन पोली का भोग लगाकर दीप जलाए गए। महा आरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। जिसमें पारिवारिक सदस्य एवं आसपास क्षेत्र के लोग सह परिवार उपस्थित होकर पूजा अर्चना की एवं मन्नते भी मांगी। काफी श्रद्धालु उपस्थित हुए ।
2 सितंबर मंगलवार को पर्व का समापन मूर्ति विसर्जन के साथ हुआ।

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