हमास का टॉप कमांडर इस्माइल को इजरायल ने मार गिराया
गाजा। हमास के सुप्रीम कमांडर कहे जाने वाले इस्माइल हानिये को इजरायल ने ईरान के अंदर घुसकर मार गिराया है। इस्माइल की मंगलवार को उस वक्त हत्या कर दी गई, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति की शपथ से लौटा था। उसे इजरायली एजेंट्स ने घर में घुसकर मारा। उसके कुछ सुरक्षाकर्मी भी इस घटना में घायल हुए हैं। इस्माइल को मार कर इजरायल ने बीते 10 महीनों से जारी जंग में बड़ी सफलता हासिल की है। खासतौर पर ईरान को भी उसने संकेत दिया है कि वह अपने दुश्मनों को कहीं भी मार सकता है। हमास को ईरान का समर्थन माना जाता है।
इस्माइल हानिये की बात करें तो उसे 2018 में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था। इस्माइल हानिये का जन्म मिस्र के कब्जे वाले गाजा के एक रिफ्यूजी कैंप में हुआ था। उसने गाजा की ही इस्लामिक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी, यहीं पर वह हमास से जुड़ा था। उसने 1987 में अरबी साहित्य में बैचलर डिग्री ली और फिर पूरी तरह हमास के लिए ही काम करने लगा। 1997 में उसे हमास ने लीडर बनाया था। इस्माइल हानिये के नेतृत्व में हमास ने 2006 में चुनाव जीता था और फिर इस्माइल पीएम बन था। हालांकि राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने 14 जून, 2007 को उसे हटा दिया था। लेकिन राष्ट्रपति अब्बास के आदेश को खारिज करते हुए वह लगातार गाजा की सरकार चला रहा था।
उसे गाजा की सरकार ही कहा जाता था। वह 2006 से 2017 तक गाजा में सुप्रीम नेता रहा था और फिर याहया शिनवार को कमान मिली थी। हालांकि इस्माइल की ताकत कम नहीं हुई थी क्योंकि उसे हमास के राजनीतिक ब्यूरो का चेयरमैन बना दिया गया था, जो हमास में सबसे पावरफुल संस्था है। इजरायल की इस्माइल से पुरानी दुश्मनी रही है क्योंकि वह काफी खूंखार नेता था। इजरायल ने 1989 में उसे तीन साल के लिए बंधक भी बना लिया था। इसके बाद 1992 में उसे इजरायल और लेबनान के बीच नो-मैन्स लैंड पर छोड़ा गया था। एक साल बाद वह गाजा लौटा था। बीते कई सालों से वह कतर में रह रहा था।
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