"अपनों की परेशानी"
थोड़ी-थोड़ी परेशानियाँ तो सबके जीवन में होती हैं,
पर हमें अपने काम से नहीं,
बल्कि अपनों से परेशानी होती है।
जो हमें समझते नहीं,
जो हमें हमारे नज़रिए से नहीं देखते,
जो हमारी भावनाओं को हल्के में ले लेते हैं,
जो हमारे संघर्ष को कभी महसूस ही नहीं कर पाते।
काम की मुश्किलें तो हल की जा सकती हैं,
पर जब अपने ही दिल पर बोझ बन जाएं,
तो ज़िंदगी की राहें और भी कठिन हो जाती हैं।
जो अपने थे, वो ही सवाल करने लगे,
जो अपने थे, वो ही फासले बढ़ाने लगे।
परेशानी यह नहीं कि दुनिया क्या सोचती है,
परेशानी यह है कि अपने ही हमें समझने से इंकार कर देते हैं।
लेकिन कोई बात नहीं,
समय सिखा देता है सबको,
जो हमें नहीं समझते,
कभी खुद ही हमारी जगह आकर समझ जाएंगे।
ज़िंदगी को अपने हिसाब से जीना सीखो,
अपनों से उम्मीदें कम करो – सुकून मिल जाएगा!
✒️गोपाल गावंडे