ड्रैगन की कमर तोड़ने की तैयारी में ट्रंप.. टैरिफ लिमिट को 125 परसेंट कर दिया
नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ की युद्ध (US-China Tariff War) अब चरम पर पहुंच गई है. दोनों में से कोई हार मानता नजर नहीं आ रही है. अमेरिका चीनी आयात पर लगातार भारी भरकम टैरिफ लगा रहा है, तो वहीं चीन भी पलटवार करते हुए US को कड़ी टक्कर दे रहा है. बुधवार को ट्रंप ने चीन से आयात किए जाने वाले प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लिमिट को 125 परसेंट कर दिया है, जबकि एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर 104 फीसदी का टैरिफ लगाया था, जिसके बदले चीन ने भी अमेरिकी इंपोर्ट पर 84 फीसदी टैरिफ लगा दिया था.
अब China-US के बीच टैरिफ की इस लड़ाई के पीछे अमेरिका के असली खेल की बात करें, तो नजर आता है कि कहीं न कहीं ट्रंप प्रशासन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन की कमर तोड़ना चाहता है, क्योंकि भले ही अमेरिका आर्थिक महाशक्ति है लेकिन Manufacturing Sector में चीन का दबदबा है. आइए समझते हैं इसके बारे में विस्तार से....
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दबदबे की बात आती है, तो अमेरिका नहीं बल्कि चीन का नाम टॉप पर रहता है. दरअसल, ड्रैगन को 'दुनिया की दुकान' के नाम से भी जाना जाता है. मैन्युफैक्चरिंग के मामले में फिलहाल कोई और देश उसकी होड़ नहीं कर सकता. ये ऐसे ही नहीं कहा जाता है संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग द्वारा प्रकाशित आंकड़ों को देखें, तो साल 2022 में वैश्विक विनिर्माण उत्पादन में चीन का योगदान 31 फीसदी थी, जबकि 2023 में ये 29 फीसदी रहा था.
साभार आज तक